क्षतिग्रस्त पुल पर दौड़ रहे ओवरलोड बालू लदे ट्रक
जागरण संवाददाता बारा (गाजीपुर) यूपी-बिहार को जोड़ने वाले देवल कर्मनाशा पुल के क्षतिग्रस्त होने के बावजूद बालू लदे ओवरलोड ट्रकों का परिचालन धड़ल्ले से हो रहा है। विगत वर्ष उक्त पुल के दो नंबर पिलर का स्लैब तीन इंच धंस गया। इसके बावजूद इसकी अनदेखी कर ओवरलोड वाहनों का परिचालन किया जा रहा है। इससे हादसे की आशंका जताई जा रही है। इस पुल पर भारी वाहनों के आवागमन पर अब तक रोक नहीं लगाई जा सकी है। बालू लदे करीब 500 ट्रक प्रतिदिन गुजर रहे हैं। अगर प्रशासन और एनएचएआई नहीं चेता तो बड़ा हादसा हो सकता है।
फोटो- 2सी।
जागरण संवाददाता, बारा (गाजीपुर) : यूपी-बिहार को जोड़ने वाले देवल कर्मनाशा पुल के क्षतिग्रस्त होने के बावजूद बालू लदे ओवरलोड ट्रकों का परिचालन धड़ल्ले से हो रहा है। विगत वर्ष उक्त पुल के दो नंबर पिलर का स्लैब तीन इंच धंस गया। इसके बावजूद इसकी अनदेखी कर ओवरलोड वाहनों का परिचालन किया जा रहा है। इससे हादसे की आशंका जताई जा रही है। इस पुल पर भारी वाहनों के आवागमन पर अब तक रोक नहीं लगाई जा सकी है। बालू लदे करीब 500 ट्रक प्रतिदिन गुजर रहे हैं। अगर प्रशासन और एनएचएआई नहीं चेता तो बड़ा हादसा हो सकता है।
क्षेत्रीय लोगों की मानें तो पुल जर्जर होता जा रहा है। पांच वर्ष पूर्व लाल बालू लदे ट्रकों का मेन रास्ता बक्सर-भरौली पुल था। पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद काफी जद्दोजहद कर बक्सर प्रशासन ने पुल पर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया था। जिले की सीमा को बिहार से जोड़ने वाले तीन पुल हैं। जिनमें बक्सर के वीर कुंवर सिंह सेतु का स्लैब धंसने व बेयरिग खराब होने के चलते पांच वर्ष से भारी वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया है। वहीं टीबी मार्ग स्थित चार दशक पहले बना कर्मनाशा पुल की स्थिति भी दयनीय है। इस पुल का एक्सपेंशन ज्वाइंट क्षतिग्रस्त हो चुका है। जबकि, ढाई दशक पहले कर्मनाशा नदी पर बना देवल पुल भी बालू लदे ओवरलोड ट्रकों की भेंट चढ़ गया है। इस पुल के दो नंबर पिलर का स्लैब तीन इंच धंस गया है। लगातार बेरोकटोक बालू लदे ओवरलोड ट्रकों के परिचालन से नीचे धंसे पुल की स्लैब की दूरियां बढ़ गई हैं। जिससे पुल की स्तिथि भयावह बन गई है और यह कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकता है।