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कागज में ही दब गया है स्वच्छता को लेकर शासन का फरमान

बारा (गाजीपुर) : स्वच्छता को लेकर शासन का फरमान कागज में ही दबकर रह गया है। सख्त निर्देश के बावजूद अभी तक विद्यालयों में कूड़ेदान नहीं रखा गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 06:34 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 11:47 PM (IST)
कागज में ही दब गया है स्वच्छता को लेकर शासन का फरमान
कागज में ही दब गया है स्वच्छता को लेकर शासन का फरमान

जासं, बारा (गाजीपुर) : स्वच्छता को लेकर शासन का फरमान कागज में ही दबकर रह गया है। सख्त निर्देश के बावजूद अभी तक विद्यालयों में कूड़ेदान नहीं रखा गया है। ऐसे में कूड़ेदान विहीन सभी विद्यालयों के आसपास गंदगी का ढेर लगा हुआ है।

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परिषदीय विद्यालय के कक्षा चार में हमारा परिवेश पाठ्य-पुस्तक के पाठ तीन में कचरा के प्रकार और उसके प्रबंधन के बारे में बताया गया है। घरों और विद्यालयों से निकलने वाले कचरे को दो समूह में बांटा गया है। पहले में मिट्टी मिलने योग्य कचरा-खराब फल, सब्जी के छिलके, निष्प्रयोज्य भोजन, सूखी पत्तियां आदि। दूसरे के तहत नहीं सड़ने वाले कचरे जैसे पालीथिन की थैलियां, प्लास्टिक, लोहे आदि के उचित निस्तारण की जानकारी दी गई है। इसके लिए दो कूड़ेदान में कूड़ा डालने की सीख बच्चों को शिक्षक दे रहे हैं। कूड़ादान रखने के लिए प्रत्येक परिषदीय विद्यालयों के लिए पचीस हजार रुपये के फंड का प्रावधान किया गया है। जिम्मेदारों को दो कूड़ादान खरीदने की सलाह दी गई है, लेकिन किसी भी विद्यालयों में ऐसा नहीं किया जा रहा है। कूड़ेदान विहीन विद्यालयों के इर्द-गिर्द कचरे का ढेर इकट्ठा हो गया है। इससे पर्यावरण तो प्रदूषित हो ही रहा है, साथ ही बच्चों में संक्रामक बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है।


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