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गंगा के किनारे बढ़ा परवल की खेती का रकबा

जासं रेवतीपुर (गाजीपुर) गंगा के किनारे इन दिनों परवल की खेती का रकबा बढ़ा है। मुनाफा होने के चलते किसानों का झुकाव इस तरफ काफी बढ़ गया है। करीब सैकड़ों बीघा लगे फसल से रोजना कई क्विटल परवल निकल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 05:20 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 05:20 PM (IST)
गंगा के किनारे बढ़ा परवल की खेती का रकबा
गंगा के किनारे बढ़ा परवल की खेती का रकबा

जासं, रेवतीपुर (गाजीपुर) : गंगा के किनारे इन दिनों परवल की खेती लहलहा रही है। मुनाफा होने के चलते किसानों का झुकाव इस तरफ काफी बढ़ गया है। करीब सैकड़ों बीघा लगे फसल से रोजाना कई क्विटल परवल निकल रहा है। इसकी खरीद के लिए नगदिलपुर स्थित मंडी में जनपद सहित अन्य जगहों के व्यापारियों की भीड़ लगी रहती है। क्षेत्र के किसानों को यह खेती जहां आर्थिक रूप से सु²ढ़ कर रहा है वहीं उनके चेहरे में मुस्कान भी साफ नजर आ रही है।

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खासकर युवा किसान इसकी खेती पर काफी जोर दे रहे हैं। इसके अलावा व्यवसायिक खेती केला, टमाटर, मटर व मिर्च की भी खेती की तरफ लोगों का काफी झुकाव है। मौजूदा समय में नगदिलपुर से लेकर कल्यानपुर गांव तक सिर्फ परवल की ही फसल दिखाई पड़ रही है। खेतों से निकल रही परवल का मूल्य भी बाजार में बेहतर मिल रहा है। किसान मंगरू उपाध्याय, रामाकांत यादव, गुड्डू उपाध्याय, कमला, मनोज ने बताया कि एक बीघा परवल की खेती करने में 30 से 35 हजार खर्च आता है। परवल के साथ-साथ उसका लत्ती भी दो से तीन हजार रुपये बोझ के हिसाब से बिक जाता है। ऐसे में किसानों को इसकी खेती से काफी फायदा होता है।


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