अब किसी भी उपभोक्ता अदालत में दर्ज कराएं मुकदमा
जागरण संवाददाता गाजीपुर सेवा प्रदाता कंपनियों या दुकानदारों से परेशान उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट-2019 लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता किसी भी उपभोक्ता न्यायालयों में मामला दर्ज करा सकेगा। जैसे..मान लीजिए कि आप बिहार के रहने वाले हैं और मुंबई में सामान खरीदते हैं। मुबंई के बाद आप गोवा चले जाते हैं और वहां पता चलता है कि आपने जो सामान खरीदा है उसमें खराबी है तो आप गोवा के ही किसी उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर आप बिहार लौट जाते हैं
जितेंद्र यादव
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जागरण संवाददाता, गाजीपुर : सेवा प्रदाता कंपनियों या दुकानदारों से परेशान उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट-2019 लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता किसी भी उपभोक्ता न्यायालयों में मामला दर्ज करा सकेगा। जैसे..मान लीजिए कि आप बिहार के रहने वाले हैं और मुंबई में सामान खरीदते हैं। मुबंई के बाद आप गोवा चले जाते हैं और वहां पता चलता है कि आपने जो सामान खरीदा है उसमें खराबी है तो आप गोवा के ही किसी उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर आप बिहार लौट जाते हैं तो आप नजदीक के किसी भी उपभोक्ता फोरम में उसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। पहले के उपभोक्ता कानून में इस तरह की सुविधा नहीं थी।
उपभोक्ता फोरम के अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मुरली मनोहर सिन्हा ने बताया कि अब उपभोक्ता फोरम का नाम भी बदल कर 'जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग' कर दिया गया है। देश भर की उपभोक्ता अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित उपभोक्ता शिकायतों को हल करने के लिए भी इस अधिनियम का गठन किया गया है। नए कानून में उपभोक्ता शिकायतों को तेजी से हल करने के तरीके और साधन दोनों का प्रावधान किया गया है 24 दिसंबर 1986 को देश में पहला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 पारित किया गया था। साल 1993, 2002 और 2019 में संशोधन करते हुए इसे और प्रभावी बनाया गया है। इससे पहले इस नए कानून को जनवरी महीने में लागू करना था, लेकिन किसी कारण से लागू नहीं हो सका। फिर समय बढ़ा कर मार्च महीने में कर दिया गया। मार्च महीने से देश में कोरोना का प्रकोप शुरू हो गया और फिर लॉकडाउन लगने के कारण इसे लागू नहीं किया गया था। अब इस कानून के लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता से संबंधित की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई शुरू हो जाएगी। खासकर अब ऑनलाइन कारोबार में उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी कंपनियों पर भारी पड़ सकती है। ग्राहकों को अब कुछ नए अधिकार मिल गए हैं। इससे उन्हें काफी सहूलियत मिलेगी। इसके अलावा और भी कई बदलाव किए गए हैं। अधिवक्ताओं का मानना है कि इस कानून के लागू हो जाने के बाद अगले 50 वर्ष तक और कोई कानून बनाने की आवश्यकता नहीं होगी। ------
भ्रामक विज्ञापन पर होगी कार्रवाई
: अधिवक्ता मुरली मनोहर सिन्हा बताया कि नए कानून में उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर भी कार्रवाई की जाएगी। नए कानून के तहत उपभोक्ता अदालतों के साथ-साथ एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) बनाया गया है। उपभोक्ता किसी भी सामान को खरीदने से पहले भी उस सामान की गुणवत्ता की शिकायत सीसीपीए में कर सकता है। अब लक्ष्मी धन वर्षा यंत्र बनाने वालों और उनका प्रचार-प्रसार करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
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कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट-2019 की विशेषताएं..
- पीआइएल या जनहित या कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट ब कंज्यूमर फोरम में फाइल की जा सकेगी. पहले के कानून में ऐसा नहीं था।
- नए कानून में ऑनलाइन और टेलीशॉपिग कंपनियों को पहली बार शामिल किया गया है।
- खाने-पीने की चीजों में मिलावट तो कंपनियों पर जुर्माना और जेल का प्रावधान।
- कंज्यूमर मीडिएशन सेल का गठन. दोनों पक्ष आपसी सहमति से मीडिएशन सेल जा सकेंगे।
- कंज्यूमर फोरम में एक करोड़ रुपये तक के केस।
- स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में एक करोड़ से दस करोड़ रुपये।
- नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में दस करोड़ रुपये से ऊपर केसों की सुनवाई।
- कैरी बैग के पैसे वसूलना कानूनन गलत।
- सिनेमा हॉल में खाने-पीने की वस्तुओं पर ज्यादा पैसे लेने वालों की अगर मिलती है शिकायत तो होगी कार्रवाई।