सिंचाई-सुविधा नहीं, सूख रहीं फसलें
जमानियां मुख्य नहर समेत गहमर पूर्वी पंप कैनाल में पानी न होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। धान की फसल को बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। अघोषित बिजली कटौती कोढ़ में खाज बन रही है। इन दिनों बारिश न होने से फसलें सूख रही हैं। पानी के अभाव में धान की फसल में कई तरह के रोग का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। पौधे मुरझा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, बारा (गाजीपुर) : जमानियां मुख्य नहर समेत गहमर पूर्वी पंप कैनाल में पानी न होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। धान की फसल को बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। अघोषित बिजली कटौती कोढ़ में खाज बन रही है। इन दिनों बारिश न होने से फसलें सूख रही हैं। पानी के अभाव में धान की फसल में कई तरह के रोग का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। पौधे मुरझा रहे हैं। शिकायत के बावजूद नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। किसान फकरुद्दीन खां, मास्टर एजाज, अलीनवाज खां, महेंद्र यादव, ऋषिदेव यादव, रामबचन यादव का आरोप है कि हर बार सिर्फ झूठा आश्वासन देकर अंतिम छोर तक नहर का पानी पहुंचाने की बात कही जाती है। गहमर पूर्वी पंप कैनाल नहर में पानी नहीं है। इससे गहमर माइनर, बारा माइनर, मिश्रवालिया माइनर, प्रतापपुर माइनर, पटकवलिया माइनर के समीप खेतों की ¨सचाई का संकट बरकरार है। यह समस्या पिछले तीन दशक से है। जमानिया मुख्य नहर का पानी हरकरनपुर के बाद पूरब की ओर नहीं आता है। वहीं, गहमर पूर्वी पंप कैनाल से माइनरों में पानी नहीं पहुंचने से किसान नहरों के पानी से खेतों की ¨सचाई के लाभ से वंचित रहते हैं। किसानों को खेतों की ¨सचाई के लिए डीजल पंप का सहारा लेना पड़ रहा है। जिस कारण खेतों की लागत खर्च अधिक पड़ता है। जल्द ही नहर में पानी छोड़ा जाए।