Move to Jagran APP

जीव जंतुओं के प्रेम का पर्व है नागपंचमी

खानपुर (गाजीपुर) नागपंचमी का त्योहार भारतीय संस्कृति में सबसे अलग स्थान रखता है। नागपंचमी के दिन जीवजंतुओं के प्रेम और सम्मान में विषधर नाग को भी लोगों द्वारा पूजा जाता है और बड़े श्रद्धा के साथ उन्हें दूध के साथ मखाना का लावा अर्पित किया जाता है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागों की पूजा मुख्य रूप से शिवसंगी वासुकी की होती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 07:59 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 06:09 AM (IST)
जीव जंतुओं के प्रेम का पर्व है नागपंचमी
जीव जंतुओं के प्रेम का पर्व है नागपंचमी

जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर) : नागपंचमी का त्योहार भारतीय संस्कृति में सबसे अलग स्थान रखता है। नागपंचमी के दिन जीवजंतुओं के प्रेम और सम्मान में विषधर नाग को भी लोगों द्वारा पूजा जाता है और बड़े श्रद्धा के साथ उन्हें दूध के साथ मखाना का लावा अर्पित किया जाता है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागों की पूजा मुख्य रूप से शिवसंगी वासुकी की होती है। पंचमी के दिन अनंत, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक अष्टनागों की पूजा की जाती है। ---

loksabha election banner

सांपों को दूध पहुंचाता है नुकसान -खरौना के प. चंद्रभान मिश्र कहते हैं कि नागपंचमी के दिन घरों में ही नाग की तस्वीर या आंटे का सांप बनाकर विधिवत पूजन करना चाहिए। पुराने पेड़ों के खोह या बिलों में जाकर सांप को दूध चढ़ाना खतरनाक हो सकता है। सांपों को दूध नुकसान पहुंचाता है इसलिए संपेरों से सांपों को लेकर जबरदस्ती दूध नहीं पिलाना चाहिए। ---

भारतीय संस्कृति में सांपों का बड़ा महत्व

पूर्व एमएलसी और पशुप्रेमी डा. कैलाश सिंह कहते हैं कि भारतीय संस्कृति में सांपों का बड़ा महत्व है। नाग पंचमी के इस पावन त्योहार पर हमें नागों और सरीसृप जाति को बचाने का संकल्प लेना चाहिए। इस त्योहार को मनाने की एक पहल करनी चाहिए कि आगे से हम किसी भी ऐसे उत्पाद का इस्तेमाल नहीं करेंगे जिसमें सर्प की चमड़ी का प्रयोग हुआ हो। नागों व सर्प जाति को सुरक्षित रखकर हम अपनी संस्कृति को कायम रखकर उसका मान बढ़ाना चाहिए। व्यापारिक लाभ के लिए सांपों को मारना और बेचना अपराध है। सांपों की खाल, जहर आदि चीजें अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेची जाती हैं। सरकार और वन्य, जीव-जंतु विभाग द्वारा सांपों को पकड़ने, उन्हें दूध पिलाने पर रोक लगाई गयी है। इसके अलावा भी सरकार की तरफ से सांपों व अन्य जीवों को संरक्षित करने और उनके जीवनदान हेतु कई उपाय और निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.