मोहर्रम पर मुस्लिम बंधुओं ने इमाम हुसैन को किया याद
जासं, गाजीपुर नगर समेत ग्रामीण अंचलों में मोहर्रम पर मुस्लिम बंधुओं ने इमाम हुसैन को कि
जासं, गाजीपुर नगर समेत ग्रामीण अंचलों में मोहर्रम पर मुस्लिम बंधुओं ने इमाम हुसैन को किया याद। जगह-जगह मोहर्रम का जुलूस निकाला गया। जुलूस में युवक जंजीर आदि से अपने ऊपर जख्म देते हुए या हुसैन की सदाएं बुलंद कर रहे थे। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मी तैनात रहे।
सैदपुर: नगर के रौजाद्वार मोहल्ले से मोहर्रम का जुलूस निकाला गया। जुलूस पूरब बाजार, मुख्य चौराहा, पश्चिम बाजार होते हुए कर्बला तक पहुंचा। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोतवाल शरदचंद्र त्रिपाठी, कई एसआई व सिपाही तैनात रहे। शादियाबाद: स्थानीय क्षेत्र में मोहर्रम का त्योहार परंपरागत ढंग से मनाया गया। हर तरफ या हुसैन या हुसैन की सदाएं बुलंद हो रही थीं। जगह जगह लोगों ने हजरत इमाम हुसैन की याद में शरबत, चाय व खाने पीने की चीजों का लंगर चलाया। युवकों ने लकड़ी, तलवार आदि भांजकर करतब दिखाया। बहरियाबाद: स्थानीय कस्बा सहित मुस्लिम बाहुल्य गांवों में जुलूस निकाले गए। जंजीर का मातम, नौहाख्वानी व सीनाजनी कर शोहदाएं-कर्बला को नम आंखों से याद किया गया। युवकों ने युद्ध कला का प्रदर्शन किया। इमाम चौक पर रखे ताजियों को स्थानीय कर्बला में दफन किया गया। कस्बा के उत्तर व दक्षिण मोहल्ला से जुलूस निकाला गया। जो निर्धारित समय पर निर्धारित रास्तों से होते हुए चौघट्टा व जामा मस्जिद के बाहर पहुंच कर समाप्त हुआ। दोपहर को पुन: दोनों मोहल्लों से जुलूस निकालकर विभिन्न चौक पर रखे ताजियों को लेकर चौघट्टा स्थित चौक पर पहुंचे जहां दोनों ताजियों की मिलनी हुई, तत्पश्चात ताजियों को चौघट्टा चौक व जामा मस्जिद परिसर में रखा गया। युवकों ने ढाल-तलवार, बल्लम, बना, बनेठी, लाठी से प्रदर्शन किया। सादात: इमामहुसैन दोपहर बाद सुन्नी समुदाय के अंजुम अखाड़ा व सैय्यद बाडा अखाड़े के साथ शिया वर्ग के मुस्लिम बंधुओं ने जुलूस निकाला। जो अपने निर्धारित मार्ग से होते हुए देर शाम कर्बला में जाकर दफन हुआ। शिया समुदाय ने सीनाजनी व नौहा, मजलिस पढ़ते हुए इमाम हुसैन को नम आंखों से याद किया। इसके पहले गुरुवार की रात में एशा की नमाज के बाद मुस्लिम बंधुओं ने चौक पर ताजिया रखकर अपने परिवार की सलामती के लिए दुआएं मांगी।
---
आकर्षण का केंद्र रही जरी से बनी ताजिया
सादात: नगर में 50 से ज्यादा ताजिया रखी गई थीं। एक से बढ़कर एक ताजिया थीं लेकिन वार्ड आठ निवासी मो. इस्लाम की जरी से बनी ताजिया आकर्षण का केंद्र रही। इसके अलावा सभासद आजाद के अलावा, सफरु, लियाकत अली व कल्लन की भी ताजिया बेहतरीन थी।
--------
कर्बला में दफन की गई ताजिया
मुहम्मदाबाद : नगर सहित ग्रामीण इलाकों में मुहर्रम का त्योहार सकुशल संपन्न हुआ। नगर सहित ग्रामीण इलाकों में ताजिया निकालकर कर्बला में दफन किया गया। नगर के शाहनिन्दा स्थित शाहनिन्द पीर की ताजिया, शाहनिन्दा मस्जिद के पास व कोट मोहल्ले स्थित चौक पर रखी ताजिया को उठाकर चौक, भट्ठी मोहल्ला होते जामा मस्जिद मोड़ ले जाया गया। वहां से जामा मस्जिद मोड़ की ताजिया को साथ लेकर शाहनिन्दा कर्बला में दफन किया गया। अदिलाबाद, नवापुरा मोड़, सलेमपुर, मलिकपुरा, दाउदपुर, यूसुफपुर आदि चौकों पर रखी गई ताजिया को यूसुफपुर कर्बला में ले जाकर दफन किया गया। कोट मुहल्ला स्थित अंजान शहीद बाबा मजार के पास युवकों ने मातम किया। यूसुफपुर में विभिन्न अंजुमनों ने नौहाख्वानी पेश किया। अदिलाबाद की ताजिया के आगे लाठी के माध्यम से दिखाया गया करतब लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा। देर रात तक ताजियों के दफन का क्रम बना रहा। सुरक्षा व्यवस्था के लिए एसडीएम रमेश यादव, तहसीलदार राधेश्याम, प्रभारी निरीक्षक विवेक श्रीवास्तव मय फोर्स लगे रहे।
------- आकर्षण का केंद्र रही 60 फीट ऊंची ताजिया
दुबिहा : उतरांव गांव में रखी गई निजामुद्दीन चौक, जलील चौक, कुद्दूश चौक, नुरूद्दीन चौक की ताजिया गांव का भ्रमण करते हुए कुद्दूश चौक स्थित मैदान में पहुंची। जब्बार चौक व कदम रसूल चौक बाजार की ताजिया तेज हवा के चलते चौक से नहीं उठाई जा सकी। ताजिया के गुजरने वाले रास्तों के ¨हदू व मुस्लिम परिवार की महिलाओं ने लोटा या गिलास से ताजिया के आगे पानी गिराकर श्रद्धांजलि अर्पित की। मैदान में दूर-दूर से आए युवकों ने प्रदर्शन किया। उतरांव में 55 व 60 फीट ऊंची बनाई गई ताजिया लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रही। जिसे देखने के लिए काफी दूर-दूर के लोग पहुंचे हुए थे। इसके अलावा पातेपुर, चकफातमा, दुबिहा, असावर, कामूपुर आदि गांवों में देर रात तक ताजिया कर्बलाओं में दफन करने का क्रम बना रहा।
---------- झालरों से सजाया गया चौक
भांवरकोल : क्षेत्र में मुहर्रम पर कुल 34 ताजिया रखी गईं। फखनपुरा, रानीपुर मस्ती, महेशपुर प्रथम, वीरपुर, मिर्जाबाद, सुखडेहरा, कबीरपुर, मुड़ेरा, सोनाड़ी, लोचाइन, दहिनवर आदि गांव में रखे गए ताजियों को संबंधित कर्बला में दफन किया गया। प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र कुमार पांडेय अपने सहयोगियों के साथ चक्रमण करते हैं। करीमुद्दीनपुर : थाना क्षेत्र अंतर्गत करीमुदीनपुर, कामुपुर, बथोर, ताजपुर, महेंद्र गांव में अकीदत के साथ मुहर्रम का त्योहार मनाया गया। चौक को झालरों से सजाया गया था। शिया समुदाय के लोग पूरी रात जुलूस व मजलिस में लगे रहे। दोपहर बाद ताजिया चौक पर पहुंचा दिया गया और देर रात तक मातम व जुलूस का सिलसिला जारी रहा।