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फुटकर में दोगुने मूल्य पर बिक रही मोसम्मी

जासं गाजीपुर कोरोना काल में ऐसे फलों व खाद्य पदार्थों की खपत बढ़ गई है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के काम आ रहे हैं। इसमें मोसम्मी भी शामिल है जिसे चिकित्सक खाने की सलाह दे रहे हैं बजाय उसका जूस पीने के। इससे इसकी खपत लाकडाउन के शुरूआती सीजन की अपेक्षा इधर कुछ बढ़ गई है। इसका लाभ सीधे ठेले व रिटेल दुकानदार ले रहे हैं वह मोसम्मी को लगभग डेढ़ से दोगुने मूल्य पर बेच रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 05:51 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 05:51 PM (IST)
फुटकर में दोगुने मूल्य पर बिक रही मोसम्मी
फुटकर में दोगुने मूल्य पर बिक रही मोसम्मी

जासं, गाजीपुर : कोरोना काल में ऐसे फलों व खाद्य पदार्थों की खपत बढ़ गई है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के काम आ रहे हैं। इसमें मोसम्मी भी शामिल है जिसे चिकित्सक खाने की सलाह दे रहे हैं बजाय उसका जूस पीने के। इससे इसकी खपत लाकडाउन के शुरूआती सीजन की अपेक्षा इधर कुछ बढ़ गई है। इसका लाभ सीधे ठेले व रिटेल दुकानदार ले रहे हैं, वह मोसम्मी को लगभग डेढ़ से दोगुने मूल्य पर बेच रहे हैं।

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चिकित्सक सलाह दे रहे हैं कि अपना इम्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए मोसम्मी या मोसम्बी का सेवन करना चाहिए। इस फल में अपेक्षाकृत शुगर कम होता है और विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में। विटामिन सी हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में त्वरित व सक्रिय योगदान करता है। चिकित्सकों की सलाह है कि मोसम्मी का जूस लेने के बजाय, उसे खाना ज्यादा बेहतर रहता है। मौसमी में उपलब्ध विटामिन सी की खासियत यह है कि वह शरीर में पर्याप्त समय तक उपस्थित रहता है और शरीर उसे ठीक से पचा लेता है। इस फल में जो फाइबर होता है, वो सोने में सुहागा का काम करता है।

शहर निवासी फलों के थोक व्यापारी नियाज ने बताया कि फिलहाल मोसम्मी वाराणसी मंडी से आ रही है। इसकी बिक्री थोक में लगभग आठ सौ रुपये प्रति बोरी है। एक बोरी में 40 किलोग्राम मोसम्मी होती है। ऐसे में यह दुकानदार को लगभग 20 रुपये प्रति किलो पड़ रही है लेकिन वह उसे 40 से 50 रुपये प्रति किलो बेच रहे हैं। वहीं अगर जूस की बात करें तो 20 रुपये प्रति ग्लास दे रहे हैं। नियाज ने बताया कि लाकडाउन के बाद सभी फलों की खपत कम हो गई है लेकिन चिकित्सकों की सलाह पर लोग संतरा और मोसम्मी की मांग अधिक कर रहे हैं। फिलहाल संतरा तो नहीं आ रहा है लेकिन मोसम्मी बारहो मास आता रहता है। बंशीबाजार में फल का ठेला लगाने वाले रामू ने बताया कि मोसम्मी की बिक्री में कुछ खास बढोत्तरी नहीं हुई है लेकिन अन्य फलों की अपेक्षा इसकी मांग ज्यादा है।


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