जाति बंधन तोड़ तलाकशुदा दलित महिला से थाने में रचाई शादी
दुल्लहपुर (गाजीपुर) दो युवा दिलों के बीच पनपी बेपनाह मोहब्बत जब हिलोर लेने लगी तो सारे जाति बंधन टूट गए। उनके आए दिन छिप-छिप कर मिलने से आजिज ग्रामीणों ने पुलिस के माध्यम से पहल की और दोनों का विवाह करा दिया।
जासं, दुल्लहपुर (गाजीपुर) : दो युवा दिलों के बीच पनपी बेपनाह मोहब्बत जब हिलोर लेने लगी तो सारे जाति बंधन टूट गए। उनके आए दिन छिप-छिप कर मिलने से आजिज ग्रामीणों ने पुलिस के माध्यम से पहल की और दोनों का विवाह करा दिया। मामला दुल्लहपुर थाने के सराय गांव निवासी रिकी व मऊ जिले के चिरैयाकोट (सुआबाद) निवासी पवन उर्फ मोनू मद्धेशिया का है। पहले पति से तलाक के बाद दो बच्चों की मां रिकी को भी नया जीवनसाथी मिल गया।
रिकी का विवाह कुछ वर्ष पहले आजमगढ़ के रासेपुर में एक युवक से हुआ था। उसका पति मुंबई में रहकर काम करता है। रिकी के परिजनों के अनुसार कुछ साल बाद पति से रिकी का तलाक हो गया। इस दौरान उनके दो बच्चे भी हो गए। तलाक के बाद रिकी दोनों बच्चों के साथ अपने मायके सराय गांव में ही रह रही थी। इस बीच मऊ जिले के चिरैयाकोट (सुआबाद) निवासी पवन उर्फ मोनू कुछ वर्ष पूर्व सराय गांव में अपने दोस्त की शादी में आया था। तभी दलित वर्ग की रिकी से उसकी आंखें चार हो गईं। मामला आगे बढ़ा तो पवन का रिकी के घर आना जाना शुरू हो गया। यह गांव के कुछ लोगों को नागवार लगता था। पवन रविवार को भी रिकी के घर मिलने आया था। उसी दौरान गांव के ही किसी ने इसकी सूचना डायल-100 को दी। पुलिस दोनों को पकड़ कर थाने ले आयी। सोमवार को दोनों के परिजन भी थाने पहुंचे और जाति बंधन तोड़कर उनका विवाह कराने का फैसला किया। लगे हाथ वहीं मंदिर में दोनों का सात फेरा भी करवा दिया गया। थानाध्यक्ष राजेश त्रिपाठी, महिला कांस्टेबल पूजा कुमारी, प्रधान प्रतिनिधि जानी यादव, बीडीसी भुल्लन यादव, दूधनाथ यादव, हरकेश यादव, रामू यादव सहित अनेक क्षेत्रीय नागरिक इसके गवाह बने। थानाध्यक्ष ने बताया कि दोनों बालिग थे और उनके परिजन भी विवाह के लिए तैयार थे।