सुहवल में सीता स्वयंवर का सजीव मंचन
ृसुहवल गांव स्थित संत श्रीमानदास बाबा के तपोस्थली पर धनुष।
जागरण संवाददाता, रेवतीपुर (गाजीपुर) : सुहवल गांव स्थित संत श्रीमानदास बाबा के तपोस्थली पर धनुषयज्ञ मेला को लेकर नौ दिवसीय रामचरितमानस कथा महायज्ञ के अंतिम दिन मंगलवार की देर शाम को बाल कलाकारों ने जनकपुर में सीता स्वयंवर के दौरान धनुषयज्ञ टूटने का मंचन किया। परशुराम एवं भगवान रामजी के बीच संवाद व सजीव मंचन कर उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया। शिवधनुष को प्रभु राम ने झटके में तोड़ दिया। जयकारे से माहौल भक्तिमय हो गया। कथा वाचक प्रीति उपाध्याय ने कहा कि धन्य है यह मानदास बाबा की धरती जहां इस तरह के आयोजन पूरी तमन्यता से किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि जीव को हमेशा सत्य का रास्ता अपनाना चाहिए। दूसरों का भलाई करने से ही जीव का कल्याण होगा।
संतों का साथ जीवन में लाता है गुणात्मक परिवर्तन
मलसा (गाजीपुर) : सब्बलपुर रामलीला मैदान में धनुष यज्ञ मेला के तहत आयोजित त्रिदिवसीय रामकथा के तीसरे दिन गृहस्थ संत बुच्चा ने कहा कि जब गुरु की, साधू अथवा संत की कृपा प्राप्त होती है तब जीवन में गुणात्मक परिवर्तन होता है त्रिदिवसीय रामकथा के विश्राम दिवस पर सभी सम्मानित कथावाचकों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस ज्ञानयज्ञ में भागवताचार्य चंद्रेश महाराज, राधेश्याम चौबे, कैलाश और विनोद श्रीवास्तव ने भी कथा अमृत पान कराया। कथामंच का संचालन व्यास रामदत्त यादव ने किया।