गलत रिपोर्ट लगाकर लेखपाल ने प्रार्थना-पत्र का कर दिया निस्तारण
जासं गाजीपुर सदर ब्लाक के अगस्ता सलामतपुर गांव के पोखरी व खाद के गड्ढे को मिट्टी से पाटकर अतिक्रमणकारियों द्वारा मकान व सरकारी शौचालय बन दिया गया है। वहां खेती का भी कार्य किया जा रहा है। हद तो तब हो गई जब डीएम के जनता दर्शन में शिकायतकर्ता द्वारा डाले गए प्रार्थना पत्र का हलका लेखपाल ने गलत रिपोर्ट लगाकर निस्तारण करने के साथ आइजीआरएस पोर्टल पर अपलोड भी कर दिया। संपूर्ण समाधान दिवस में उच्चाधिकारियों को गलत रिपोर्ट लगाकर निस्तारण करने की लिखित जानकारी देने के बावजूद उनकी तंद्रा टूटने का नाम नहीं ले रही है।
जासं, गाजीपुर : सदर ब्लाक के अगस्ता सलामतपुर गांव के पोखरी व खाद के गड्ढे को मिट्टी से पाटकर अतिक्रमणकारियों द्वारा मकान व सरकारी शौचालय बन दिया गया है। वहां खेती का भी कार्य किया जा रहा है। हद तो तब हो गई जब डीएम के जनता दर्शन में शिकायतकर्ता द्वारा डाले गए प्रार्थना पत्र का हलका लेखपाल ने गलत रिपोर्ट लगाकर निस्तारण करने के साथ आइजीआरएस पोर्टल पर अपलोड भी कर दिया। संपूर्ण समाधान दिवस में उच्चाधिकारियों को गलत रिपोर्ट लगाकर निस्तारण करने की लिखित जानकारी देने के बावजूद उनकी तंद्रा टूटने का नाम नहीं ले रही है। ऐसी स्थिति में अब शिकायतकर्ता व ग्रामीण न्यायालय की शरण लेने की तैयारी शुरू कर दिए हैं।
गांव निवासी वितुल्य प्रकाश सिंह ने बताया कि बीते 19 जुलाई को डीएम के जनता दर्शन में प्रार्थना-पत्र देकर गांव के पोखरी संख्या 157 (ख) व 187 (ग) को पाटकर खेती, मकान व सरकारी शौचालय निर्माण के साथ खाद के लिए बने गड्ढा संख्या 160 पर भी पक्का निर्माण की जानकारी दी गई थी। डीएम के निर्देश पर हलका लेखपाल द्वारा जांच के बाद पोखरी के जगह करीब एक किमी दूर स्थित 592 नंबर खेत का जिक्र रिपोर्ट में करते हुए दूसरे के नाम पर कास्तकारी दिखाया गया व खाद के गड्ढे की कोई जानकारी न देते हुए निस्तारण कर आइजीआरएस पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड कर दिया गया। शिकायतकर्ता ने बताया कि बीते आठ अगस्त को संपूर्ण समाधान दिवस पर सदर एसडीएम को लेखपाल द्वारा गलत रिपोर्ट देने की जानकारी व जांच के लिए पत्र दिया गया। बावजूद उनके द्वारा जांच कर रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी उसी हलका लेखपाल को दी गई। दूसरी बार की रिपोर्ट में लेखपाल ने जिलाधिकारी न्यायालय में मुकदमा चलने का हवाला दिया। यही नहीं पोखरी के नापी में भी असमर्थता दिखाते हुए लीपापोती करने के साथ मामले का निस्तारण कर दिया गया। इसके बाद जब प्रभारी डीएम को पूरी जानकारी दी गई तो उन्होंने जांच कराकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अब शिकायतकर्ता व ग्रामीण न्याय के लिए न्यायालय की शरण लेने की तैयारी शुरू कर दिए हैं।