धर्मावलंबियों को मानव धर्म का पालन करना जरूरी : भवानीनंदन
जासं जखनियां (गाजीपुर) गुरू-शिष्य के अटूट संबंध के पावन पर्व गुरू पूर्णिमा पर क्षेत्र के प्रख्यात सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर आयोजित होने वाले समारोह को लोक कल्याण को ध्यान में रखते हुए स्थगित कर दिया गया है। सिद्धपीठ के पीठाधीश्वर स्वामी भवानीनंदन यति महाराज ने बताया कि वर्तमान समय में चल रहे वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए मानव कल्याण के लिए यह निर्णय लिया गया है।
फोटो-7सी।
जासं, जखनियां (गाजीपुर) : गुरु-शिष्य के अटूट संबंध के पावन पर्व गुरु पूर्णिमा पर क्षेत्र के प्रख्यात सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर आयोजित होने वाले समारोह को लोक कल्याण को ध्यान में रखते हुए स्थगित कर दिया गया है। सिद्धपीठ के पीठाधीश्वर स्वामी भवानीनंदन यति महाराज ने बताया कि वर्तमान समय में चल रहे वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए मानव कल्याण के लिए यह निर्णय लिया गया है। कहा कि प्राचीन काल से परंपरागत होने वाली गुरु पूजा को इस वर्ष मानव कल्याण के निमित्त सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर पांच जुलाई को सांकेतिक रूप से किया जाएगा। जिसमें सिद्धपीठ से जुड़े शिष्य व श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा। लोग अपने-अपने घरों में ही गुरू की प्रतिमा रखकर पूजन अर्चन करें व गुरू के बताए मार्ग पर चलकर अपने जीवन को धन्य बना सकेंगे। गौरतलब हो कि 650 वर्ष प्राचीन सिद्ध पीठ हथियाराम मठ पर गुरू पूर्णिमा के दिन देश के कोने-कोने से शिष्य व श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। दिन भर पूजन-अर्चन के साथ ही भंडारे प्रसाद का आयोजन भी किया जाता है। भेंटवार्ता के दौरान महामंडलेश्वर श्रीयति महाराज ने कहा कि वर्तमान दौर में मानव जीवन पर संकट मंडरा रहा है। ऐसे में सभी धर्मावलंबियों को मानव धर्म का पालन करना आवश्यक है। जिसके तहत अपने धर्म के अनुष्ठानों को सांकेतिक रूप से आयोजित कर मानव धर्म का पालन किया जाएगा। गुरु पूर्णिमा के दिन उनके ब्रह्मलीन गुरुदेव महामंडलेश्वर बालकृष्ण महाराज सहित ब्रह्मलीन 25 पूर्व पीठाधिपतियों सहित सभी संत महात्माओं का पूजन-अर्चन कर आशीर्वाद लिया जाएगा। सामाजिक दूरी का पालन करते हुए इस कार्यक्रम में शिष्यों का प्रवेश निषेध रहेगा।