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दूध की मांग तेज होते ही बढ़ा मिलावटखोरी का धंधा

गाजीपुर गर्मी के मौसम में उत्पादन में कमी और बढ़ती मांग के चलते दूध में मिलावटखोरी का धंधा जोरों पर हो रहा है। दूधिए अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए जमकर विभिन्न प्रकार की मिलावट कर रहे हैं। हालांकि अभी तक जिले में दूध में पानी की मिलावट को छोड़ कर किसी तरह का मामला सामने नहीं आया हे लेकिन

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 05:59 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 06:23 AM (IST)
दूध की मांग तेज होते ही बढ़ा मिलावटखोरी का धंधा
दूध की मांग तेज होते ही बढ़ा मिलावटखोरी का धंधा

जासं, गाजीपुर : गर्मी के मौसम में उत्पादन में कमी और बढ़ती मांग के चलते दूध में मिलावटखोरी का धंधा जोरों पर हो रहा है। दूधिए अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए जमकर मिलावट कर रहे हैं। हालांकि अभी तक जिले में दूध में पानी की मिलावट को छोड़ कर किसी तरह का मामला सामने नहीं आया है लेकिन दूध की कमी के बावजूद खोवा और पनीर का बढ़ता उत्पादन इस बात को जाहिर कर रहा है कि कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है। उपभोक्ताओं की सतर्कता के बावजूद दूधिए लोगों को मिलावटी दूध पिला कर उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

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फिलहाल पड़ोसी जिले में दूध में डिटर्जेंट पाउडर की मिलावट पकड़े जाने पर जिले की खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन एलर्ट हो गया है। अगर बीते वित्तीय वर्ष का आंकड़ा लिया जाए तो कुल 57 नमूने दूध के लिए गए हैं जिसमें 66 प्रतिशत मामला पानी की मिलावट का पाया गया है जबकि 34 फीसद नमूने शुद्ध पाए गए हैं। गर्मी में दूध का उत्पादन जहां कम हो जाता है तो वहीं लग्न में उसकी खपत बढ़ जाती है। उत्पादन कम होने के चलते बाहर जिले से दूध की आवक भी कम हो जाती है। लग्न में खोवा एवं पनीर की मांग ज्यादा होने के कारण दूध की खपत कई गुना बढ़ जाती है। इसे देखते हुए बाजार में मिलावटखोरी का धंधा जोरों पर शुरू कर हो जाता हैं और मिलावट का कारोबार बढ़ जाता है। दूध व्यापारी इसकी मात्रा बढ़ाने के लिए नकली दूध पाउडर, डिटर्जेंट पाउडर एवं पानी की मिलावट धड़ल्ले से शुरू शुरू कर देते हैं। लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि इसके बावजूद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को अब तक पानी के अलावा अन्य प्रकार के मिलावट के मामले नहीं पकड़े हैं।

पकड़े गए पानी मिलावट के मामले

: खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अभिहित अधिकारी अजीत कुमार मिश्र ने बताया कि जिले में बीते वित्तीय वर्ष में 57 दूध के नमूने लिए गए जिसमें 66 फीसद ही मामले मिलावट के पाए गए। सभी में लो फैट (पानी की मिलावट) की शिकायत पाई गई। अब तक कोई भी नकली पाउडर एवं डिटर्जेंट के मिलावट का मामला प्रकाश में नहीं आया है। बताया कि चुनाव की व्यस्तता के चलते छापेमारी तेजी नहीं पकड़ पाई है जो मतगणना के बाद शुरू कर दी जाएगी।

ऐसे करें मिलावट की जांच

- थोड़ा सा कच्चा दूध लेकर उसे ढलान वाली मार्बल व शीशे की जगह पर गिराएं। अगर दूध सफेद लाइन छोड़ते हुए नीचे तक पहुंचे तो ठीक है, वरना दूध मिलावटी है।

- आधा कप दूध में बराबर मात्रा में पानी मिलाएं। अगर उसे थोड़ा हिलाने पर झाग आए तो दूध में डिटर्जेंट की मिलावट है।

- दूध में स्टार्च की मिलावट जांचने के लिए दूध में कुछ बूंदें टिचर आयोडिन की डालें। अगर दूध का रंग नीला हो जाता हैए तो इसमें स्टार्च की मिलावट है।

- सिथेटिक दूध की पहचान करने के लिए दूध को हथेलियों के बीच रगड़ें। अगर साबुन जैसा लगे तो यह सिथेटिक हो सकता है।


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