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मानवाधिकार सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक

गाजीपुर : राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मौके पर सोमवार को फतेउल्लाहपुर स्थित राजेश्वरी दिव्यांग विद्यालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व डीएसएचआरडी (डिवोटेड सोसायटी फार ह्यूमन राइट एंड डेवलपमेंट) की ओर से दिव्यांगों को विभिन्न उपहार बांटे गए। इस मौके पर हुई गोष्ठी में मानवाधिकारी संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 10:20 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 10:47 PM (IST)
मानवाधिकार सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मौके पर सोमवार को फतेउल्लाहपुर स्थित राजेश्वरी दिव्यांग विद्यालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व डीएसएचआरडी (डिवोटेड सोसायटी फार ह्यूमन राइट एंड डेवलपमेंट) की ओर से दिव्यांगों को विभिन्न उपहार बांटे गए। इस मौके पर हुई गोष्ठी में मानवाधिकारी संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। कार्यक्रम की शुरुआत सिविल जज (सीनियर डिवीजन) संजय कुमार ¨सह ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर की।

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उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दस दिसंबर-1948 को मानवाधिकार घोषणा पत्र सर्वसम्मति से अंगीकार किया गया। भारत में सबसे पहले 1993 में मानवाधिकारों से संबंधित कानून बनाया गया। उनके द्वारा यह अवगत कराया गया कि मानवाधिकार मनुष्य के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। इस मौके पर मानवाधिकार संगठन के अध्यक्ष मदन मोहन ¨सह ने सिविल जज संजय ¨सह को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में अमित अग्रहरी, विनय तिवारी, संदीप अग्रहरि, संजय वर्मा, फौजदार बिन्द, शिव वर्मा, हिमांशु राय, लालजी चैहान आदि थे। कार्यक्रम का संचालन अमरनाथ गुप्ता ने किया।


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