परहित से जीवन में कुछ भी दुर्लभ नहीं
जासं गाजीपुर मानव धर्म प्रसार की ओर परसादपुर व मुगलानीचक में दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। संस्था के अध्यक्ष राजेंद्र दास द्वारा झंडारोहण व महाराज के चित्र पर माल्यार्पण व धूप-दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
जासं, गाजीपुर : मानव धर्म प्रसार की ओर परसादपुर व मुगलानीचक में दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। संस्था के अध्यक्ष राजेंद्र दास द्वारा झंडारोहण व महाराज के चित्र पर माल्यार्पण व धूप-दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि भगवान तभी खुश रहेंगे, जब आप उनके संतानों से प्रेम करेंगे। जिनके मन में परहित की बात होती है उनके जीवन में कुछ भी दुर्लभ नहीं है।
प्रत्येक व्यक्ति को संतान, धन, यश की कामना होती है, लेकिन यह सब मिलने के बाद भी व्यक्ति की बुद्धि मलिन हो जाती है। माधव कृष्ण ने कहा कि ईश्वर की नजर में सब एक समान होता है। उनके दरबार में कोई भेदभाव नहीं होता है। संत प्रेम की आंखों से देखते हैं, उनमें जाति व धर्म कोई भेदभाव नहीं होता है। अहंकार की दीवारों को गिराने के बाद ही प्रेम किया जा सकता है। अहंकार को त्यागने के बाद मानव बन सकते हैं। भीम, माखन, भानु, विरेंद्र, रामसूरत, अच्छे लाल कुशवाहा, राम अवध रहे। संचालन तेज बहादुर ने किया।