Move to Jagran APP

चाय के बजाय आयुर्वेदिक काढ़ा बना पसंदीदा पेय

जासं खानपुर (गाजीपुर) कोरोना संक्रमण काल में वायरस को प्रभावहीन करने के लिए लोग रोग प्रतिरोधक क्षमतावान काढ़ा पी रहे हैं। ग्रामीण अंचलों में लोग नियमित दिनचर्या में शामिल और मेहमानवाजी का प्रमुख पेय पदार्थ चाय काफी से परहेज कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 05:14 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 05:14 PM (IST)
चाय के बजाय आयुर्वेदिक काढ़ा बना पसंदीदा पेय

जासं, खानपुर (गाजीपुर) : कोरोना संक्रमण काल में वायरस को प्रभावहीन करने के लिए लोग रोग प्रतिरोधक क्षमतावान काढ़ा पी रहे हैं। ग्रामीण अंचलों में लोग नियमित दिनचर्या में शामिल और मेहमानबाजी का प्रमुख पेय पदार्थ, चाय, काफी से परहेज कर रहे हैं। लोगों के घरों में सुबह शाम चाय से अधिक काढ़ा बनाया जा रहा है। आगंतुकों व मेहमानों को भी स्वास्थ्यवर्धक पेय ग्रीन टी, हर्बल टी, गिलोय या तुलसीपत्ती का काढ़ा पीने को दिया जा रहा है। चिकित्सा विशेषज्ञों और आयुर्वेदिक जानकारों के सलाह पर लोग बड़ी संख्या में काढ़ा में प्रयुक्त होने वाले जड़ी-बूटियों और तत्वों को लाकर अपने रसोईघर में संकलित कर रहे हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक डा. रजनीश यादव कहते हैं कि शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना और कोरोना जैसी बीमारियों से जूझने के लिए खुद को तैयार करना है। करीब 90 फीसद लोग सुबह में चाय पीना पसंद करते हैं। यदि अपनी दिनचर्या में हर्बल चाय व काढ़ा पीते हैं तो उनकी जिदगी में यह पेय पदार्थ इम्युनिटी बढ़ाने का काम करेगा। क्वारंटाइन सेंटर से लौटे लोग और कोरोना से जंग जीत चुके लोग भी गिलोय और तुलसी की गोली का सेवन कर रहे हैं।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.