बिचौलियों की मिलीभगत से किसानों को नहीं मिल रहा लाभ
बिचौलियों व धान क्रयकेंद्रों के संचालकों की मिलीभगत से किसानों को सरकारी खरीद का लाभ नहीं मिल पाया। इसका सबसे बड़ा कारण है कि लंबी लाइन होने के कारण नंबर लगवाने में उन्हें काफी इंतजार करना पड़ा। वहीं जो किसान नंबर पर धान ले गए उनकी काफी कटौती करने की बात की गई। इससे वह अपना धान घर पर ही बेच दिए। कटौती के नाम पर क्रय केंद्र वाले पांच से छह किलोग्राम प्रति ¨क्वटल की कटौती कर रहे हैं। क्षेत्र में घूम-घूम कर धान लेने वाले बिचौलिए और व्यापारी किसानों से उनका खतौनी, आधार कार्ड और बैंक पासबुक की फोटो कापी लेकर ही धान खरीद रहे हैं।
जासं, लौवाडीह (गाजीपुर) : बिचौलियों व धान क्रय केंद्रों के संचालकों की मिलीभगत से किसानों को सरकारी खरीद का लाभ नहीं मिल पाया। इसका सबसे बड़ा कारण है कि लंबी लाइन होने के कारण नंबर लगवाने में उन्हें काफी इंतजार करना पड़ा। वहीं जो किसान नंबर पर धान ले गए उनकी काफी कटौती करने की बात की गई। इससे वह अपना धान घर पर ही बेच दिए। कटौती के नाम पर क्रय केंद्र वाले पांच से छह किलोग्राम प्रति ¨क्वटल की कटौती कर रहे हैं। क्षेत्र में घूम-घूम कर धान लेने वाले बिचौलिए और व्यापारी किसानों से उनका खतौनी, आधार कार्ड और बैंक पासबुक की फोटो कापी लेकर ही धान खरीद रहे हैं। किसान ऐसा करने के लिए विवश भी हैं। आधार, पासबुक आदि इनके द्वारा क्यों लिया जा रहा है यह एक जांच का विषय है। यह बिचौलियों और धान क्रय केंद्रों द्वारा मिलीभगत तो नहीं है। इसकी भी जांच होनी चाहिए। अधिक दाम मिलने के बावजूद किसान क्रय केंद्रों तक क्यों नहीं अपना धान ले जा पा रहे हैं यह सोचनीय है। लोगों में इस बात की चर्चा है कि गेंहू खरीद में भी कहीं ऐसा न हो।