डीजल का भाव बढ़ने से किसानों को झेलनी पड़ी दोहरी मार
जासं गहमर (गाजीपुर) कोरोना संकट झेल रही जनता को डीजल के बढ़े भाव से झटका लगा है। किसानों का कहना है कि ट्रांसपोर्टिंग महंगा होने का सीधा असर आवश्यक वस्तुओं के दाम पर पड़ेगा। आमजन में चर्चा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब डीजल का भाव पेट्रोल से लगभग बराबर हुआ है।
जासं, गहमर (गाजीपुर) : कोरोना संकट झेल रही जनता को डीजल के बढ़े भाव से झटका लगा है। किसानों का कहना है कि ट्रांसपोर्टिंग महंगा होने का सीधा असर आवश्यक वस्तुओं के दाम पर पड़ेगा। आमजन में चर्चा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब डीजल का भाव पेट्रोल से लगभग बराबर हुआ है।
डीजल के भाव में लगभग दस फीसदी की बढ़ोतरी का असर लोगों के जेब पर सीधा पड़ेगा। कृषि की लागत बढ़ जाएगी। ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, रोटावेटर सहित अन्य कृषि यंत्रों का भाड़ा बढ़ेगा। ट्रांसपोर्टिंग का खर्च बढ़ने से महंगा दर पर बीज व खाद भी मिलेगा। बाहर से आने वाले खाद्य पदार्थ ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने से आर्थिक भार बढ़ाएंगे और भी चीजें महंगी होंगी। इस सब में किसान पर तो दोहरी मार पड़ेगी। हथौरी गांव निवासी किसान हरिहर सिंह ने कहा कि डीजल पर दाम बढ़ाकर किसान की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी है। किसान वैसे भी कोरोना वायरस में परेशान हैं और ऊपर से डीजल के दाम बढ़ाकर उस पर आर्थिक संकट लाने का काम सरकार ने किया है। वहीं खुदरा पथरा के कीटनाशक विक्रेता पीयूष तिवारी का कहना है कि इस आर्थिक संकट में सरकार को किसानों और मजदूरों की ओर देख कर काम करना चाहिए था। पेट्रोल और डीजल पर दाम बढ़ने से किसानों की आय पर फर्क पड़ेगा और उनको परेशानी उठानी पड़ेगी। पचौरी के राजेश शर्मा ने कहा कि किसानों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा। वहीं, ट्रांसपोर्ट शुल्क भी बढ़ेगा जिस कारण महंगाई होगी। भतौरा के किसान विजय यादव ने कहा कि कोरोना वायरस के दौरान महंगाई को कम करने के लिए सरकार को अच्छे कदम उठाने चाहिए थे। पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर सरकार ने महंगाई को और बढ़ावा दिया है।