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किसानों ने हरे मिर्च की खेती का बढ़ाया रकबा

जासं, लौवाडीह (गाजीपुर): पिछले वर्ष हुए अच्छे लाभ के कारण करइल क्षेत्र में हरे मिर्च की खे

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 09:31 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 09:31 PM (IST)
किसानों ने हरे मिर्च की खेती का बढ़ाया रकबा
किसानों ने हरे मिर्च की खेती का बढ़ाया रकबा

जासं, लौवाडीह (गाजीपुर): पिछले वर्ष हुए अच्छे लाभ के कारण करइल क्षेत्र में हरे मिर्च की खेती का रकबा काफी बढ़ा हुआ है। इस वर्ष किसानों ने इसकी खेती दोगुनी कर दी है। क्षेत्र के शेरपुर, कबीरपुर, पखनपुरा, मच्छटी, अवथहीं, दहीनवर, सुखडेहरा समेत सैकड़ों गांव में केवल मिर्च की खेती ही दिखाई दे रही है। इस वर्ष हरे मिर्च की खेती का अनुमानित रकबा करीब दो हजार बीघा है।

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इस समय मिर्च के पौधों की रोपाई अंतिम चरण में है। पिछले वर्ष 12 बीघे मिर्च की खेती करने वाले अवथही के दिवाकर राय ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने इसका रकबा बढ़ाकर 16 बीघा कर दिया है। उनका कहना है कि इस खेती में तोड़ाई से लेकर खेत की पेशगी की रकम जोड़ दी जाय तो लगभग 70 हजार रुपये प्रति बीघा लागत आएगी। पिछले वर्ष यह लागत लगभग 50 से 55 हजार रुपये थी। मजदूरी, पेशगी और बीज का रेट बढ़ जाने से लागत भी बढ़ गयी है। पिछले वर्ष हुए लाभ के बारे में बताया कि पिछले वर्ष मिर्च का रेट अधिक होने से किसानों को काफी आमदनी हुई और खर्च काटकर औसतन एक लाख रुपये प्रति बीघा के हिसाब से लाभ मिला। किसान सब्जी में टमाटर, बैगन, गोभी के अपेक्षा मिर्च की खेती को प्राथमिकता देते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण रेट तो अच्छा मिल ही रहा है तीन बार फली टूटने से इसकी लागत निकल जाती है। बाजार के हिसाब से इसके फली को कुछ दिनों तक तोड़ने से रोका भी जा सकता है। पताल गंगा मंडी से मिर्च के लिए बाहर से काफी व्यापारी भी आते हैं।


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