किसानों की मददगार साधन समितियां खुद बदहाल
किसानों की मददगार साधन समितियां खुद बदहाल
किसानों की मददगार साधन समितियां खुद बदहाल
जागरण संवाददाता, भदौरा (गाजीपुर) : किसानों को समय से खाद, बीज व कीटनाशक सहित अन्य कृषि जानकारी उपलब्ध कराने वाली साधन सहकारी समितियां आज खुद बदहाल हैं। न्याय पंचायत स्तर पर स्थापित यह समितियां जर्जर हो अंतिम सांस गिन रही हैं। बदहाल समितियों को देख किसानों में भी चिंता व्याप्त है। बारा साधन सहकारी समिति का भवन बदहाल हो खंडहर में तब्दील हो गया है। कर्मनाशा नदी के तट पर भतौरा गांव में बना साधन सहकारी समिति भी बिना उपयोग जर्जर हो गया, इस समिति का निर्माण वर्ष - 2010 - 11 में 16 लाख की लागत से हुआ था। ग्रामीण इसका प्रयोग अब लकड़ी, उपला रखने के रूप में कर रहे हैं। इसी तरह करहियां समिति में लगा गेट टूट गया है। दरवाजा, खिड़की गायब हो चुकी है। यह स्थिति अचानक पैदा नहीं हुई, बल्कि वर्षों से उपेक्षा का दंश झेल यह इस गति में पहुंच गई। भतौरा में समिति का भवन अब तो ढहने की स्थिति में आ गया है। छत से पानी टपक रहा है तो एक हिस्से की दीवाल आधे से अधिक ढह गई। भवन की स्थिति ठीक न होने से कृषि उपयोगी कोई सामग्री यहां नहीं रखी जाती। सीजन में कभी - कभी खाद आ जाती है तो इसे रखने के लिए किराए के भवन का सहारा लेना पड़ता है। योगेंद्रनाथ राय, रमेश राय, रामप्रताप यादव, अजीत यादव ने कहा कि समिति किसानों के लिए बेमतलब साबित हो रही है। सरफराज खां, मतलूब खां, जयप्रकाश राय, संतोष राय, एजाज खां आदि ने कहा कि वर्षों से समस्या बनी है, पर विभाग कोई प्रयास नहीं कर रहा। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>----<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>भतौरा - बारा समिति वर्तमान में खंडहर व जर्जर हो गई है। मरम्मत के लिए कई बार उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया गया है। जल्द सही कराने का सिर्फ आश्वासन मिल रहा। दोनों जगहों पर खाद, बीज अथवा कीटनाशक आदि रखने के लिए किराए का मकान लेना पड़ता है। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>- राजेश राय, सचिव साधन सहकारी समिति