व्यायाम व मार्निंग वाक मधुमेह की अचूक दवा
जागरण संवाददाता, गाजीपुर: प्रतिदिन व्यायाम व मार्निंग वाक मधुमेह की अचूक दवा मानी जाती है।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर: प्रतिदिन व्यायाम व मार्निंग वाक मधुमेह की अचूक दवा है। सतर्कता से ही मौसमी बीमारियों से बचा सकता है। तापमान में अचानक परिवर्तन से तमाम वायरस ने मधुमेह के मरीजों को अपने चपेट में लेना शुरू कर देते हैं। इसके चलते वायरल बुखार, जुकाम-खांसी, आंखों की परेशानी बढ़ जाती है। मधुमेह की बीमारियों को दो वर्गों में बांटा गया है। टाइप वन के तहत आने वाले मरीजों में इंसुलिन नहीं बनता है। टाइप टू में 30 वर्ष के बाद इसकी शिकायत देखने को मिलती है। यह कहना था फिजिशियन डा. केके वर्मा का। वह गुरुवार को दैनिक जागरण प्रश्न प्रहर के पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे थे। कुछ ऐस आए सवाल
सवाल: बाएं हाथ में कई दिनों से दर्द बना हुआ है।
जवाब: जांच के बाद ही इसका पता चल सकेगा कि किन कारणों से दर्द है। वैसे मधुमेह के शुरुआती दिनों में ऐसा लक्षण अधिकांश मरीजों में देखने को मिलता है।
सवाल: रात के समय तेज बुखार से पूरा शरीर तपने लगता है।
जवाब: मौसम में हुए परिवर्तन का प्रभाव है। ऐसी स्थिति में बिना जांच के दवा का सेवन करना ठीक नहीं है।
सवाल: जुकाम व छींक करीब एक सप्ताह से लगातार बनी हुई है।
जवाब: एलर्जी के प्रभाव से ऐसी दिक्कत आती है। ब्लड जांच के बाद दवा के सेवन करने से दिक्कत समाप्त हो जाएगी।
सवाल: सिर में दर्द रहने से मधुमेह की शिकायत तो नहीं है।
जवाब: सिर दर्द से मधुमेह रोग का कोई संबंध नहीं होता है। अगर लंबे समय से कफ आ रहा है तो इसकी जांच जरूरी है।
सवाल: मधुमेह का नार्मल लेबल कितना होता है।
जवाब: मधुमेह का बिना कुछ खाए नार्मल लेबल 70 से 110 व खाना खाने के बाद 140 से 160 से माना जाता है। जांच के बाद रिपोर्ट में दोनों लेबलों से अधिक बताने पर इस बीमारी की शिकायत हो सकती है।
सवाल: इंसुलिन शरीर के किस अंग में बनता है।
जवाब: इंसुलिन शरीर के अग्न्याशय में बनता है। यह शरीर के ग्लूकोज के नियंत्रित करने का काम करता है।
सवाल: मधुमेह का लेबल शरीर में किन परिस्थितियों में बढ़ जाता है।
जवाब: इंसुलिन की मात्रा कम होती है तो शरीर सुस्त होने लगता है। इसके लेबल बढ़ता है।
सवाल: बच्चों में इसकी शिकायत हो सकती है।
जवाब: बच्चों में इसकी शिकायत देखने को मिलती है इंसुलिन नहीं बनने से मधुमेह का जन्मजात मरीज हो जाता है। ऐसी स्थिति में इंसुलिन का इंजेक्शन देकर कंट्रोल किया जाता है।
सवाल: युवाओं में यह रोग हो सकता है।
जवाब: युवाओं में खासकर 20 से 22 वर्ष की अवस्था में जब इंसुलिन बनना बंद हो जाता है तो विभिन्न प्रकार के संक्रामक रोक होने शुरू हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में मधुमेह का लेबल काफी बढ़ जाता है।
सवाल: मधुमेह मरीजों को शरीर में इंसुलिन का लेबल ठीक करने के लिए क्या करना होगा।
जवाब: मधुमेह मरीजों को सप्ताह में तीन दिन कम से कम तीन किलोमीटर तेज गति से पैदल चलना जरूरी है। साथ ही व्यायाम करना इसके लिए अचूक माना जाता है।
सवाल: टाइप टू के लक्ष्ण क्या है।
जवाब: इस अवस्था के मरीजों को अधिक प्यास लगती है, बार-बार पेशाब और लगातार भूख लगने की समस्या आती है।
सवाल: जीवन शैली की कौन सी गड़बड़ियां इस बीमारी का शिकार बनाती है।
जवाब: अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होना व व्यायाम नहीं करना इसका शिकार बनाती है।
सवाल: इंसुलिन कैसे काम करता है।
जवाब: इंसुलिन एक तरह का हार्मोन होता है जो शरीर के लिए बहुत उपयोगी होता है। इसके जरिए ही रक्त को पहुंचाई गई ग्लूकोज कोशिकाओं या सेल्स को एनर्जी प्रदान करता है। इन्होंने किए सवाल
भीम राम- लठ्ठूडीह, गौरीशंकर वर्मा- दुल्लहपुर, ज्ञानेंद्र यादव- दुबैथा, बालेश्वर मिश्रा- मिश्रबाजार, दीपक- करीमुद्दीनपुर, बृजकिशोर- मुहम्मदाबाद, रामसूरत- नोनहरा, श्यामजी शर्मा- बारा, गोपालजी- भदौरा, दीनदायाल- सतरामगंज, दिनेश- पारा।