गंगहर पर अतिक्रमण की होड़
क्षेत्र में गंगहर नदी पर अतिक्रमण करने की होड़ है। इसके चलते इसका क्षेत्रफल दिनों दिन सिमटता जा रहा है। सोनाड़ी से बेलसड़ी, रेवसड़ा, रेड़मार, लौवाडीह, पारो, सबितापुर होते जोगामुसाहिब के रास्ते मगई नदी में मिलने वाली गंगहर सैकड़ों बीघे क्षेत्रफल में फैली हुई थी।
जासं, भांवरकोल (गाजीपुर) : क्षेत्र में गंगहर नदी पर अतिक्रमण करने की होड़ है। इसके चलते इसका क्षेत्रफल दिनों दिन सिमटता जा रहा है। सोनाड़ी से बेलसड़ी, रेवसड़ा, रेड़मार, लौवाडीह, पारो, सबितापुर होते जोगामुसाहिब के रास्ते मगई नदी में मिलने वाली गंगहर सैकड़ों बीघे क्षेत्रफल में फैली हुई थी। कई गांवों के किसानों के लिए यह नदी वरदान साबित होती है। इसी से होकर किसानों के खेतों का पानी मगई नदी में गिर जाता है। फिलहाल बाढ़ से जोगामुसाहिब के पास की पुलिया क्षतिग्रस्त होने से उक्त गावों के किसानों के खेतों का पानी नहीं निकल रहा है। इससे चलते खेतों में पानी भरा है। उन खेतों में बोआई नहीं हो पा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इस नदी पर अतिक्रमण कर स्थाई तथा अस्थाई रूप से कब्जा करने की होड़ मची है। यदि प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो वह दिन भी अब दूर नहीं जब गंगहर का अस्तित्व भी मिट जाएगा। किसान चंद्रहास राय, रामेश्वर नाथ तिवारी, राजकुमार राय, जयशंकर राय आदि ने प्रशासन से गंगहर नदी पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।