नौ घंटे तक गायब रही बिजली, अंधेरे में डूबे रहे दर्जनों गांव
जमानियां सब स्टेशन के अंतर्गत ढढनी व स्थानीय गांव स्थित ताड़ीघाट उपकेंद्र को होने वाली विद्युत आपूर्ति गुरुवार की देर रात करीब दस बजे इंसुलेटर फटने से ठप हो गई।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : जमानियां सब स्टेशन के अंतर्गत ढढनी व स्थानीय गांव स्थित ताड़ीघाट उपकेंद्र को होने वाली विद्युत आपूर्ति गुरुवार की देर रात करीब दस बजे इंसुलेटर फटने से ठप हो गई। दूसरे दिन शुक्रवार को करीब नौ घंटे बाद मरम्मत कर किसी तरह आपूर्ति बहाल की गई।
बेटाबर के पास तकनीकी समस्या आने से दर्जनों गांव सोनवल, खजुहां, ढढनी, माधोपुर, सुगवलिया, अधियारां, रमवल, सुहवल, पटकनियां, युवराजपुर, बवाड़ा, भिखीचौरा, कालूपुर, सुजानपुर, हरिश्चंद्रपुर, मेदनीपुर, चकियां उर्फ चकमजीठ, बहलोलपुर, डुहियां, भगीरथपुर, सरैयां, मलसा, ईजरी, घाटमपुर आदि अंधेरे में डूब गए। इसके कारण उपभोक्ताओं को तमाम तरह की परेशानियों से जूझना पड़ा। आपूर्ति गुल हुई तो दर्जनों राजकीय निजी नलकूप बंद हो गए। छोटे-बड़े उद्योग-धंधे, कम्युनिकेशन सेंटर, मोबाइल, इलेक्ट्रानिक समान पूरी तरह से शोपीस बनकर रह गए। आपूर्ति बाधित होने की सूचना पर उपखंड अधिकारी विजय यादव, अवर अभियंता दुर्ग विजय प्रसाद, बाबू खान अपने अन्य कर्मियों संग मौके पर पहुंच फाल्ट खोजने में जुट गए, शुक्रवार की सुबह करीब नौ बजे कर्मियों की नजर हाईटेंशन विद्युत पोल पर पड़ी। इंसुलेटर फटने के कारण विद्युत तार टूटकर जमीन पर गिरा पड़ा था। इसके बाद कर्मी मरम्मत में जुट गए। घंटों मरम्मत करने के बाद ढढनी व ताड़ीघाट उपकेंद्रों की आपूर्ति बहाल हो गई। अधिकारी विजय यादव ने कहा कि बेटाबर के पास इंसुलेटर फटने के कारण आपूर्ति बाधित रही। मरम्मत होने के बाद क्षेत्रों की आपूर्ति बहाल कर दी गई है।
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पंद्रह दिनों से जला पड़ा है मोटर
मलसा : गरुआ मकसूदपुर स्थित जल निगम का मोटर 15 दिनों से जला पड़ा है जिससे क्षेत्र में सैकड़ों घरों में जल आपूर्ति 15 दिनों से बाधित है। उपभोक्ताओं द्वारा जले हुए मोटर की सूचना विभागीय अधिकारियों को बार-बार देने के बाद भी इसको ठीक नहीं किया जा रहा है। शादी-ब्याह के मौके पर जला आपूर्ति न होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मकसूदपुर गांव के जितेंद्र राय, डुहिया गांव के कमलेश राय, गरुवा के मनोज राय, पिपरा गांव के रमेश यादव आदि ने विभागीय अधिकारियों से मांग की है कि जले हुए में मोटर को ठीक कर जलापूर्ति शुरू की जाए।