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देवी मंदिरों में उमड़ा भक्तों का हुजूम, पूजीं गईं कन्याएं

गाजीपुर वासंतिक नवरात्र के अंतिम दिन शनिवार को देवी मंदिरों में भक्तो का हुजूम उमड़ पड़ा। अष्टमी और नवमी एक ही दिन होने से भक्तों ने घरों और मंदिरों में महागौरी के साथ सिद्धिदात्री की एक साथ अराधना की। मंदिरों में भीड़ बड़ी तो मां के जयकारे से परिसर गुंजायमान हो गया। इस मौके देवी मंदिरों में देवी गीत गूंजते रहे। विभिन्न स्थानों पर

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 07:02 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 07:02 PM (IST)
देवी मंदिरों में उमड़ा भक्तों का हुजूम, पूजीं गईं कन्याएं
देवी मंदिरों में उमड़ा भक्तों का हुजूम, पूजीं गईं कन्याएं

जासं, गाजीपुर : वासंतिक नवरात्र के अंतिम दिन शनिवार को देवी मंदिरों में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। अष्टमी और नवमी एक ही दिन होने से भक्तों ने घरों और मंदिरों में महागौरी के साथ सिद्धिदात्री की एक साथ अराधना की। हवन-पूजन के बाद कुंवारी कन्याओं को भोजन करा कर उनसे आशीर्वाद लिया। वहीं श्रद्धालुओं ने नारियल, पान, बतासा व चुनरी चढ़ाई। इस दौरान विभिन्न मंदिर परिसर में मेला का आयोजन हुआ।

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मुहम्मदाबाद : नगर में शाहनिन्दा मां काली मंदिर परिसर में दर्शन पूजन के लिए सुबह से श्रद्धालुओं विशेषकर महिलाओं की भीड़ जुटने लगी। तहसील परिसर स्थित मां मनोकामना देवी मंदिर व यूसुफपुर महाकाली मंदिर परिसर एवं तहसील परिसर मां मनोकामना देवी मंदिर में कुंवारी कन्या भोज व हवन-पूजन का आयोजन किया गया। तिवारीपुर मोड़, सलेमपुर मोड़ व रेलवे स्टेशन रोड स्थित मां दुर्गा के मंदिर पर भी लोगों की काफी भीड़ पहुंची। महिलाओं ने घरों में कलश स्थापित कर आधी रात से भोर तक मां का पूजन अर्चन किया। भांवरकोल : क्षेत्र के अवथही मां भगवती मंदिर, वीरपुर पूणरगिरि मंदिर, शेरपुर, कुंडेसर दुगर मंदिर पर दर्शन पूजन के लिए भीड़ रही। घर घर मेंमहिलाओं ने कलश स्थापित कर पूजन अर्चन किया। लौवाडीह : ग्रामीणों ने मां काली व मां भगवती के मंदिर में पहुंचकर दर्शन पूजन किया। अधिकतर श्रद्धालु नवमी के मौके पर अपने कुल देवी के स्थलों पर पहुंचकर उनका दर्शन कर आर्शीवाद लिया। ---

नवमी के मेला में चइता गीतों पर झूमे लोग मुहम्मदाबाद : क्षेत्र के कष्टहरणी भवानी मंदिर करीमुद्दीनपुर में नवमी का मेला बुधवार को दोपहर बाद आयोजित किया गया। इस मौके पर लोग मां कष्टहरणी भवानी का दर्शन पूजन करने के बाद मेला में आए चैता गायकों का गायन सुनकर झूम उठे। मंदिर के आसपास पेड़ व बागीचा समाप्त होने से मेला आयोजित करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। तेज धूप से लोग परेशान दिखे। काली मंदिर राजापुर परिसर में नवमी मेला आयोजित किया गया। मेले में बिहार के चइता गायक कलाकारों के गीतों का आनंद लिया।

कन्याओं से आशीर्वाद लेकर किया व्रत का पारण

गहमर : अंतिम दिन कामाख्या देवी मंदिर भक्तों की भारी भीड़उमड़ी। भक्तों ने हवन पूजन कर देवी स्वरूप कन्याओं को भोजन कराया और उनसे आशीर्वाद लेकर अपनेव्रत का भी परायण किया। पूरे भक्तिभाव से घरों में मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरा और नौ वेंस्वरूप सिद्धिदात्री का अनुष्ठान किया। दोनों देवियों की पूजा अर्चना की और परिवार में सभी ने मिलजुल आरती उतारी। इसके बाद घरों में हवन किया और कन्याभोज कराया। इसके बाद कहीं भक्तों ने नवरात्र व्रत का परायण कर लिया तो कहीं अष्टमी और नवमी का व्रत एक दिन होने से पूरे दिन का व्रत रखा गया। दिनभर हाथों-हाथ रहीं कन्याएं गहमर : नवरात्र पर्व के अंतिम दिन देवी स्वरूप कन्याओं को अपने घर तक लाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। सुबह से ही लोग कन्याओं को खोजते रहे। एक घर से कन्याओं के निकलते ही दूसरे घर के लोग उनको अपने साथ ले जाते। यह सिलसिला दिनभर यूं ही चलता रहा। कन्याओं की टोलियां भी प्रसाद के साथ एक घर से दूसरे घर जाती रहीं।


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