वातावरण के उड़ रहे डस्ट पार्टिकल बने धुंध का कारण
गाजीपुर मौसम का अजब-गजब मिजाज और सुबह व शाम वातावरण में छाई धुंध ने लोगों को चकरा दिया है। हालांकि पर्यावरणविद इसकी प्रमुख वजह निचले वातावरण में उड़ रहे डस्ट पार्टिकल को मान रहे हैं। जिले में न तो पराली जलाई जा रही है और न ही इससे कुछ लेना-देना है। बीते दो सप्ताह से अचानक मौसम में आया बदलाव ने लोगों को परेशान कर रखा है।
जासं, गाजीपुर : मौसम का अजब- गजब मिजाज और सुबह व शाम वातावरण में छाई धुंध ने लोगों को चकरा दिया है। हालांकि पर्यावरणविद इसकी प्रमुख वजह निचले वातावरण में उड़ रहे डस्ट पार्टिकल को मान रहे हैं। जिले में न तो पराली जलाई जा रही है और न ही इससे कुछ लेना-देना है।
बीते दो सप्ताह से अचानक मौसम में आया बदलाव ने लोगों को परेशान कर रखा है। दिल्ली, पंजाब एवं हरियाणा में भले ही धुंध का कारण पराली का जलाना माना जाए लेकिन यहां तो अभी धान की कटाई ही नहीं हुई तो पराली जलाने का सवाल ही नहीं होता है। यहां वातावरण में उड़ रहे धुंध का मुख्य कारण वातावरण में उड़ रहा वाहनों का धुंआ, सड़कों पर उड़ रही धूल और जलाया जा रहा कूड़ा माना जा रहा है। यह सभी पार्टिकल निचले वातावरण में एक कंपाउंड बनाए हुए हैं जिसके कारण पूरे दिन धुंध छाई हुई है। दिन में सूरज की तेज धूप होने के कारण इसका प्रकोप कम हो जाता है लेकिन सुबह शाम को सूरज की किरणों के हल्का होने के कारण वातावरण में धुंध अधिक छा जाती है।
डेढ़-दो सौ के बीच है जिले का एक्यूआई
अमूमन एक्यूआई (एअर क्वालिटी इनडेस्क) 50 से लेकर 100 तक सही माना जाता है। लेकिन जिले का एक्यूआई डेढ़ सौ से दो सौ के बीच पहुंच गया है जो ठीक नहीं है। इसे दुरुस्त करने के लिए जिला प्रशासन के साथ अन्य लोगों को भी आगे आना होगा। ---
धुंध का कारण डस्ट पार्टिकल का अधिक होना
पीजी कालेज के पर्यावरणविद डा. प्रमोद कुमार मिश्र ने बताया कि निचले वातावरण में उड़ रहे डस्ट पार्टिकल ज्यादा होने के कारण सुबह व शाम धुंध वाली कंडीशन हो जा रही है। हवा तेज चलेगी तब जो स्टेबिलिटी वाली कंडीशन बनी हुई है वह समाप्त हो जाएगी और डस्ट वातावरण में फैल जाएंगी जिससे मौसम साफ हो जाएगा।