संक्रामक रोग फैला रहा सड़क किनारे डंप कूड़ा
दिलदारनगर (गाजीपुर) : स्थानीय नगर पंचायत में स्वच्छता भारत अभियान पूरी तरह बेअसर साबित हो रहा है।नगर में कूड़ा निस्तारण की समुचित व्यस्था नहीं है। प्रतिदिन निकलने वाला कूड़ा नगर में खाली पड़ी जमीन तथा सड़कों के किनारें ही फेंक दिया जाता है। इससे उठने वाला दुर्गंध से नागरिकों का सेहत भी खराब हो रहा है। नगर पंचायत वर्षों से कूड़ा निस्तारण के लिए जमीन तलाश रही है।
जासं, दिलदारनगर (गाजीपुर) : स्थानीय नगर पंचायत में स्वच्छ भारत अभियान पूरी तरह बेअसर साबित हो रहा है। नगर में कूड़ा निस्तारण की समुचित व्यवस्था नहीं है। प्रतिदिन निकलने वाला कूड़ा नगर में खाली पड़ी जमीन तथा सड़कों के किनारे ही फेंक दिया जाता है। इसके दुर्गंध से नागरिकों का रहना मुहाल हो गया है। वहीं संक्रामक रोग फैलने की भी आशंका सता रही है। नगर पंचायत वर्षों से कूड़ा निस्तारण के लिए जमीन तलाश रही है लेकिन अभी तक नहीं मिल सकी है।
नगर पंचायतों के 11 वार्डों से प्रतिदिन निकलने वाला कूड़ा को सफाई कर्मी हैंड ट्राली में लादकर खाली पड़ी जमीन में फेंकते हैं। इसके बाद कूड़ा को जला देते हैं। कूड़ा से उठने वाला धुंआ वातावरण और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रहा है। यह नगर पंचायत के लिए जटिल समस्या बनी हुई है। जब से नगर पंचायत का दर्जा मिला तब से लेकर आज तक कूड़ा निस्तारण के लिए जमीन ही तलाशी जा रही है। इसका खामियाजा नगरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। शासन प्रशासन भी इस समस्या के समाधान के प्रति लापरवाह बना हुआ है।
--- कूड़ा निस्तारण के लिए नहीं मिली जमीन
- नगर पंचायत में कूड़ा निस्तारण के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए उपजिलाधिकारी सेवराई को पत्र दिया गया था। जिस पर उपजिलाधिकारी द्वारा लेखपाल से नगर पंचायत सहित आसपास स्थित ग्रामसभाओं में खाली पड़ी सरकारी जमीन चिह्नित करने का आदेश दिया गया लेकिन अभी तक कोई जमीन नहीं मिली। इस कारण नगर से निकलने वाला कूड़ा के निस्तारण में समस्या उत्पन्न हो रही है। फिर भी नगर पंचायत इस दिशा में प्रयासरत है। - मनोज पांडेय, अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत दिलदारनगर।