यूपी-बिहार को जोड़ने वाली सड़क पर चलना मुश्किल
जागरण संवाददाता जमानियां (गाजीपुर) बिहार बार्डर के किनारे स्थित करमहरी गांव के पास ए
जागरण संवाददाता, जमानियां (गाजीपुर) : बिहार बार्डर के किनारे स्थित करमहरी गांव के पास एक नैया नाला पर यूपी सहित बिहार को जोड़ने के लिए करोड़ों की लागत से पूर्ववर्ती सरकार में बना पक्का पुल मार्ग बदहाल हो गया है। ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। बार-बार शिकायत के बाद भी अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि उदासीन बने हुए हैं। इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
करमहरी से धुस्का गांव को जोड़ने के लिए एक नैया नाला पर पक्का पुल बना तो ग्रामीणों में उम्मीद जगी की अब कच्चा सड़क पक्का बनने से आवागमन में कोई परेशानी नहीं होगी। पुल के एप्रोच सहित गांव को जोड़ने वाली सड़क पक्का नहीं बनने से ग्रामीणों के उम्मीद पर पानी फिर गया। ग्रामीण कच्चा सड़क से ही आवागमन करना अपनी नियति मान बैठे हैं। गांव के विनोद कुशवाहा, सुखेन तिवारी, अरुण तिवारी आदि ने बताया कि पक्का पुल का निर्माण हुए छह वर्ष हो गए है तब से लेकर आज तक सड़क की सुध किसी ने नहीं ली। ग्रामीण किसी तरह आवागमन कर रहे हैं। वहीं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बच्चे लाल चौधरी ने बताया कि ग्राम सभा के पास धन नहीं होने से सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है। नौ गांवों को जोड़ती है सड़क
: करमहरी से पक्का पुल होते हुए रोहुणा, उधरनपुर, कबीरपुर, डेहरिया, ढेवढ़ी, दाऊदपुर, रायपुर व धुस्का होते हुए ग्रामीण बिहार में प्रवेश करते हैं। कच्ची सड़क होने से बरसात के दिन में आवागमन बंद हो जाता है क्योंकि पूरी सड़क कीचड़ से सन जाती है जिससे वाहन तो दूर लोग पैदल चलना दुश्वार हो जाता है। अगर कोई भूलवश आ भी गया तो ग्रामीण धक्का देकर दो या चार पहिया वाहन को बाहर निकालते हैं। वहीं सड़क के अभाव के कारण करमहरी ग्राम सभा के चलबल का डेरा स्थित प्राथमिक विद्यालय में पंजीकृत छात्र-छात्राओं सहित अध्यापक व अध्यापिकाओं को करमहरी प्राथमिक विद्यालय को सम्बद्ध कर दिया जाता है। हालांकि पुल से करमहरी वन तक ग्राम सभा की ओर से लगभग 500 मीटर खड़ंजा तीन वर्ष पूर्व बिछा कर छोड़ दिया गया था।