प्याज की बिक्री के लिए थोक मंडी स्थापित कराने की मांग
जागरण संवाददाता मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) किसानों को सुविधा के मामले में करईल के साथ मुहम्मदाबाद इलाका पिछड़ा है। करइल में लोकप्रिय नकदी फसल प्याज है। लगभग 10 हजार बीघे में इसकी खेती की जाती है लेकिन इलाके में इसकी कोई मंडी न होने के कारण किसान बिचौलियों के जाल में फंस जाते हैं। इसके व्यापारी भी गिने चुने हैं जो बाहर के मंडी के भाव की जानकारी छिपाते हैं जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। बाहर के व्यापारियों के न आने से किसान बिचौलियों को अपने उत्पाद औने-पौने भाव में बेच देते हैं।
जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : किसानों को सुविधा के मामले में करईल के साथ मुहम्मदाबाद इलाका पिछड़ा है। करइल में लोकप्रिय नकदी फसल प्याज है। लगभग 10 हजार बीघे में इसकी खेती की जाती है लेकिन इलाके में इसकी कोई मंडी न होने के कारण किसान बिचौलियों के जाल में फंस जाते हैं। इसके व्यापारी भी गिने चुने हैं जो बाहर के मंडी के भाव की जानकारी छिपाते हैं जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। बाहर के व्यापारियों के न आने से किसान बिचौलियों को अपने उत्पाद औने-पौने भाव में बेच देते हैं। किसान विनय राय, राजेश यादव, डब्लू राय, ओमप्रकाश यादव आदि ने बताया कि अगर मंडी होती तो प्याज का उचित मूल्य मिल पाता लेकिन हम बिचौलियों के जाल में मजबूरी वश फंस जाते हैं। भाव न मिलने से धीरे धीरे किसानों का मोह प्याज की खेती से भंग हो रहा है। पातालगंगा की तरह प्याज की भी एक मंडी स्थापित होनी चाहिए।