हर दूसरे दिन बिना हेलमेट के हो रही मौत
गाजीपुर एआरटीओ यातायात पुलिस व निजी संस्थानों द्वारा हेलमेट व सीट बेल्ट को लेकर समय-समय पर जागरुकता कार्यक्रम चलता रहता है बावजूद इसके लोग चेत नहीं रहे हैं। जबकि हेलमेट व सीट बेल्ट दोनों ही स्वयं बाइक व कार चालकों के सेफ्टी के लिए ही है।
जासं, गाजीपुर : जनवरी से 12 अक्टूबर तक 230 सड़क हादसों में 130 बाइक चालकों की मौत हो चुकी हैं। कुछ गिनती के लोगों को छोड़ बाकी यह सब वही थे जो बिना हेलमेट के बाइक चला रहे थे। इस हाहाकारी आंकड़े के बावजूद जिस तरीके से लोग बगैर हेलमेट के जान हथेली पर रखकर यात्रा कर रहे हैं वह विडंबना नहीं तो और क्या है। आलम यह है हर दूसरे दिन बिना हेलमेट के बाइक चालकों की मौत हो रही है। यह तब है जब एआरटीओ, यातायात पुलिस व निजी संस्थानों द्वारा हेलमेट व सीट बेल्ट को लेकर लगातार जागरूकता कार्यक्रम चल रहा है।
सड़क हादसों की चपेट में सबसे अधिक बाइक सवार ही आते हैं। इसमें सबसे अधिक मौत बिना हेलमेट लगाने वालों की हो रही है, जो घायल हो जाते हैं। उसमें भी ज्यादातर लोगों की सिर में गंभीर चोट लगने के कारण मानसिक स्थिति खराब हो जाती है, जबकि सड़क सुरक्षा को लेकर शासन-प्रशासन गंभीर है और समय-समय सड़क सुरक्षा के तहत पूरे जनपद में जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। कुछ दिनों तक लोगों में इसका असर तो दिखता है, लेकिन उसके बाद वह अपने अनमोल जीवन को लेकर ही लापरवाही हो जा रहे हैं।
एआरटीओ ने किया जागरूक
- परिवहन विभाग की ओर से मंगलवार को नगर के भुतहियाटांड़ चौराहे पर टेंट लगाकर लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया। इस दौरान एआरटीओ राम सिंह विभागीय कर्मियों व यातायात पुलिस के साथ मौजूद रहे। सड़क से बिना हेलमेट व सीट बेल्ट के वाहन चला रहे प्रत्येक चालकों को रोक कर उन्हें टेंट में लगी कुर्सी पर बैठाकर न सिर्फ सड़क सुरक्षा के नियम बताए जा रहे थे बल्कि हेलमेट व सीट बेल्ट लगाकर ही वाहन चलाने का आह्वान भी किया जा रहा था। एआरटीओ ने बताया कि हेलमेट व सीट बेल्ट स्वयं की सुरक्षा के लिए है। इसे आपको लगाना अनिवार्य है। सड़क हादसे में ज्यादातर लोगों की मौत हेड इंजरी के कारण ही होता है। अगर हेलमेट लगाए रखेंगे तो मौत होने की आशंका बेहद ही कम रहती है।
घातक है फुटपाथ के हेलमेट
एआरटीओ ने बताया कि बहुत से लोग चालान से बचने के लिए फुटपाथ से सस्ते में हेलमेट खरीद लेते हैं, यह और भी खतरनाक होता है। इसलिए हेलमेट हमेशा ब्रांडेड व होलमार्क देखकर ही खरीदें।