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कोरोना की मार, शिक्षक भुखमरी के शिकार

जासं खानपुर (गाजीपुर) क्षेत्र में छह दर्जन के करीब कांवेंट विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन रुका हुआ है। अंग्रेजी मीडियम और उच्च शिक्षा के माध्यम बने नर्सरी और कांवेंट विद्यालयों के प्रबंधकों ने सैकड़ों शिक्षकों सहित स्कूली गाड़ियों के चालक खलासी दाई क्लर्क आदि के वेतन रोक दिया है जिससे इन स्कूली स्टाफ के सामने भुखमरी की समस्या आ गयी है। ग्रामीण इलाकों के सैकड़ों पढ़े लिखे बेरोजगार युवक युवतियां अपने दैनिक खर्च और आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए इन स्कूलों में मामूली वेतन पर पढ़ाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 07:21 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 07:21 PM (IST)
कोरोना की मार, शिक्षक भुखमरी के शिकार

जासं, खानपुर (गाजीपुर) : क्षेत्र में छह दर्जन के करीब कांवेंट विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन रुका हुआ है। अंग्रेजी मीडियम और उच्च शिक्षा के माध्यम बने नर्सरी और कांवेंट विद्यालयों के प्रबंधकों ने सैकड़ों शिक्षकों सहित स्कूली गाड़ियों के चालक, खलासी, दाई, क्लर्क आदि के वेतन रोक दिया है जिससे इन स्कूली स्टाफ के सामने भुखमरी की समस्या आ गयी है। ग्रामीण इलाकों के सैकड़ों पढ़े लिखे बेरोजगार युवक युवतियां अपने दैनिक खर्च और आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए इन स्कूलों में मामूली वेतन पर पढ़ाते हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान मार्च महीने में स्कूलों के बंद हो जाने से सभी शिक्षकों सहित पूरे स्टाफ के वेतन का भुगतान नहीं हो पाया। शिक्षकों का कहना है कि इस महंगाई के जमाने में हम लोग मामूली मानधन में काम करते हैं। इस आपदा काल में पूरी तरह पारिवारिक जिम्मेदारी उठा पाना मुश्किल हो रहा है। क्योंकि कई अविभावकों ने संक्रमण के भय से अपने घरों के ट्यूशन भी बंद कर दिए हैं। विद्यालय प्रबंधकों का कहना है कि छात्रों के फीस न मिल पाने से स्कूली बजट गड़बड़ा गया है। जो भी सीमित धन विद्यालय कोष में बचा था। उससे सभी स्कूली स्टाफ को मदद पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है जो नाकाफी साबित हो रहा है।

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