छलावा साबित हो रहा कोरोनाकाल में सुविधाजनक बैंक लोन
जासं खानपुर (गाजीपुर) कोरोना संक्रमणकाल में हजारों की संख्या में गैर प्रांतों से आए प्रवासी श्रमिकों और अपनी रोजगार गवां बैठे स्थानीय व्यापारियों ने सरकार के लोक लुभावने लोन प्रक्रिया की चाह में बैंकों का चक्कर काट रहे हैं। सैकड़ों बेरोजगार युवक दुकानदार व्यापारी और लघु व्यवसायी अपने व्यावसायिक गाड़ी को पटरी पर लाने के लिए आर्थिक मदद हेतु बैंकों के विभिन्न शाखाओं में जा रहे हैं। शाखा प्रबंधक के जवाब से निराश होकर लौट जाते हैं।
जासं, खानपुर (गाजीपुर) : कोरोना संक्रमणकाल में हजारों की संख्या में गैर प्रांतों से आए प्रवासी श्रमिकों और अपनी रोजगार गवां बैठे स्थानीय व्यापारियों ने सरकार के लोक लुभावने लोन प्रक्रिया की चाह में बैंकों का चक्कर काट रहे हैं। सैकड़ों बेरोजगार युवक, दुकानदार, व्यापारी और लघु व्यवसायी अपने व्यावसायिक गाड़ी को पटरी पर लाने के लिए आर्थिक मदद हेतु बैंकों के विभिन्न शाखाओं में जा रहे हैं। शाखा प्रबंधक के जवाब से निराश होकर लौट जाते हैं। पूर्व बैंकर और अर्थशास्त्री सुधाकर त्रिपाठी का कहना है कि बैंकिग लोन सेवा किसी भी रोजगार और व्यापार की आर्थिक रीढ़ होती है। सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योग क्षेत्र को कोरोना संकट के घाटे से उबारने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा कर दी लेकिन स्थानीय बैंकों को अभी तक नए गाइडलाइन नहीं मिलने से बैंकों द्वारा लोन देने में हाथ बंधे रह गये। नुरूद्दीनपुर यूबीआइ के शाखा प्रबंधक आशु गिरी, खानपुर काशी गोमती ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक आशीष यादव और सिधौना एसबीआई के शाखा प्रबंधक आदर्श सिंह का कहना है कि पुराने आवेदित ग्राहकों को लोन दिया जा रहा है। नये लोन के आवश्यक गाइडलाइन अभी प्राप्त नहीं हुआ है।