अकीदत से निकाला ताबूत, किया याद
गाजीपुर मोहल्ला जुड़नशहीद में दरोगा वारिस अली के इमामबाड़े से मंगलवार को रसूले खुदा (स.) व इमाम हसन (अ.) का ताबूत एवं जुलजनाह अकीदत से निकाला गया। जुलूस अपने कदीम रास्तों से होता हुआ सट्टी मस्जिद स्थित आगा के इमामबाड़े में पहुंचा जहां उसे अगले साल के लिए बढ़ा दिया गया। इसमें दूर-दराज से आयी अंजुमनों ने नौहा व मातम किया।
जासं, गाजीपुर : मोहल्ला जुड़नशहीद में दरोगा वारिस अली के इमामबाड़े से मंगलवार को रसूले खुदा (स.) व इमाम हसन (अ.) का ताबूत एवं जुलजनाह अकीदत से निकाला गया। जुलूस अपने कदीम रास्तों से होता हुआ सट्टी मस्जिद स्थित आगा के इमामबाड़े में पहुंचा जहां उसे अगले साल के लिए बढ़ा दिया गया। इसमें दूर-दराज से आयी अंजुमनों ने नौहा व मातम किया। इस जुलूस में भारी तादाद में लोगों ने शिरकत की।
सुबह आठ बजे मजलिस का आयोजन हुआ जिसे मौलाना रजि आबिद कोपामंगज ने खिताब फरमाया। मजलिस के बाद बाहर से आई अंजुमनें हुसैनिया लोरपुर, अजाए हुसैन जलालपुर, अजाए हुसैन सुल्तानपुर एवं इमामियां कदीम कोपागंज ने नौहाख्वानी एवं सीनाजनी की। जुलूस जुड़नशहीद से चलकर नखास, गुदड़ी, लंगाह होता हुआ सट्टी मस्जिद पहुंचा। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों ने जुलूस में शिरकत कर अकीदत का इजहार किया। जुलूस में हर किसी की आंखें नम और हर कोई गमगीन दिखा। इस दौरान रास्ते में चाय व पानी का इंतजाम किया गया था। अंतिम तकरीर मौलाना तनवीरूल हसन जैनबी ने की।