चैत्र नवरात्रि कल से, सजने लगे देवी मंदिर
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 13 अप्रैल से होगी। नवरात्रि इस बार पूरे न
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 13 अप्रैल से होगी। नवरात्रि इस बार पूरे नौ दिन का होगा और 21 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी। इस बार चैत्र नवरात्रि शुभ संयोग से युक्त होगा। नवरात्रि की शुरुआत स्वार्थ और अमृत सिद्धि के शुभ योग से होगी। साथ ही नौ दिनों तक और भी कई शुभ योग विद्यमान रहेंगे। इस बार भारतीय वर्ष स्वार्थसिद्धि और अमृत सिद्धि योग में नवरात्र की शुरुआत हो रही है। इन शुभ योगों में शक्ति पर्व शुरू होने से देवी पूजा आराधना से मिलने वाला शुभ फल और बढ़ जाएगा।
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नवरात्रि में मां दुर्गा का पूजा
करना विशेष फलदायी
गहमर : कामाख्या धाम मंदिर के पुजारी राजू उपाध्याय के अनुसार जब नवरात्र शुरू होगा तब इसी दिन से हिदुओं का नया साल यानी नवसंवत्सर शुरू होगा। यह हिदू नववर्ष का पहला दिन रहेगा। नवरात्रि में मां दुर्गा का पूजा करना विशेष फलदायी माना गया है। नवरात्रि में मां दुर्गा पृथ्वी पर नौ दिनों तक वास करते हुए भक्तों की साधना से संपन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। नवरात्रि पर देवी दुर्गा की साधना व पूजा पाठ करने से आम दिनों के मुकाबले पूजा का कई गुना ज्यादा लाभ भी प्राप्त होता है। इस बार चैत्र नवरात्र मंगलवार को शुरू हो रहा है, जिस वजह से मां घोड़े पर सवार होकर आएगी। इससे पहले शारदीय नवरात्र पर भी मां घोड़े पर सवार होकर आई थी देवी मां जब भी घोड़े पर आती है तो युद्ध की आशंका बढ़ जाती है। वैसे तो वर्ष में दो बार मां दुर्गा की विशेष रूप से पूजा-अर्चना होती है एक कुंवार महीने में और एक चैत महीने में दोनों ही महीने में लोगों में अलग-अलग तरह का उत्साह और पूजा-अर्चना देखने को मिलती है। कामाख्या धाम मंदिर के महंत श्री आकाश राज तिवारी ने बताया कि चैत्र नवरात्र की शुरुआत 13 अप्रैल व समापन 22 अप्रैल को दसमी के साथ होगी चैत नवरात्र में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात: 5:28 से लेकर दिन में 8:46 बजे तक है। अभिजीत मुहूर्त का समय 11:36 से 12:24 तक रहेगा। 12 अप्रैल की सुबह 8:01 बजे प्रतिपदा लगेगी जो कि दूसरे दिन 13 अप्रैल को सुबह 10:17 बजे तक रहेगी। उदया तिथि में एकम तिथि होने से नवरात्रि की शुरुआत 13 अप्रैल को होगी मंगलवार के दिन चैत्र नवरात्र का आरंभ होने से मां दुर्गा को आगमन घोड़े पर हो रहा है कंधे पर देवी का प्रस्थान होने से यह राष्ट्र के लिए सुख समृद्धि का कारक होगा महंत ने बताया कि मान्यता है कि नवरात्रि पर देवी दुर्गा पृथ्वी पर आती है यहां वे नौ दिनों तक वास करते हुए भक्तों की साधना से प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं नवरात्रि पर देवी दुर्गा की पूजा करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है भगवान राम ने भी लंका पर चढ़ाई करने से पहले युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए देवी की साधना की थी।
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मां दुर्गा की इन नौ स्वरूपों में होगी पूजा..
13 अप्रैल : प्रतिपदा- मां शैलपुत्री की पूजा और घटस्थापना
14 अप्रैल : द्वितीया- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
15 अप्रैल : तृतीया- मां चंद्रघंटा पूजा
16 अप्रैल : चतुर्थी- मां कूष्मांडा पूजा
17 अप्रैल : पंचमी- मां स्कंदमाता पूजा
18 अप्रैल : षष्ठी- मां कात्यायनी पूजा
19 अप्रैल : सप्तमी- मां कालरात्रि पूजा
20 अप्रैल : अष्टमी- मां महागौरी
21 अप्रैल : रामनवमी- मां सिद्धिदात्री