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भागवत कथा श्रवण से होगा है दुखों का नाश

कलयुग में प्राणियों के कल्याण के लिए श्रीमद् भागवत कथा से बढ़कर कोई पुराण नहीं है। यह समस्त शास्त्रों का सार है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 10:51 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 10:51 PM (IST)
भागवत कथा श्रवण से होगा है दुखों का नाश

जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी (भदोही) : कलयुग में प्राणियों के कल्याण के लिए श्रीमद् भागवत कथा से बढ़कर कोई पुराण नहीं है। यह समस्त शास्त्रों का सार है। अत: भागवत कथा का श्रवण करने से समस्त दुखों का नाश हो जाता है। यह बातें कलातुलसी में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक हरेकृष्ण महाराज ने कहीं। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा पर विस्तार से प्रकाश डाला।

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उन्होंने कहा कि कंस के अत्याचार से व्यथित महात्माओं के उद्धार के लिए ही इस धरती पर भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया। उन्होंने भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की विशेष रूप से चर्चा की। कहा कि धरती पर जब अत्याचार बढ़ता है तो धर्म की स्थापना के लिए ही भगवान अवतार लेते हैं इस अवसर पर विजय शंकर तिवारी, राजू शुक्ल, रामसंजीवन, उदयनाराण सहित अन्य श्रद्धालु थे। पूजन के बाद छोड़ दिया कूड़ा-कचरा

जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : नगर से सटे महादेवा पोखरा किनारे छठ पूजन संपन्न होने के बाद वहां पड़े कूड़े कचरे की साफ सफाई नहीं करायी जा सकी है। इससे पोखरा की सीढ़ी से लेकर ऊपर तक गंदगी का अंबार लगा हुआ है जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

नगर से पश्चिम दक्षिण दिशा पर स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर स्थित पोखरे के पास कस्बे के अधिकांश लोग छठ पूजन करते हैं। दो दिनों तक चले इस पूजन के संपन्न होने के बाद पूजन के लिए बनाई गयी वादियों को दीप जलाने के बाद मिट्टी के बने दीयों, ईख के डंठल, कागज, पालीथिन आदि कचरा लोग उसी तरह छोड़कर चले गये। उक्त घाट की साफ-सफाई आयोजन समिति की ओर से नहीं कराए जाने से चारों तरफ कूड़ा-कचरा का ढेर पड़ा हुआ जो हवा के झोंके से इधर-उधर बिखर रहा है। इसको लेकर लोगों का कहना है कि पूजन कार्य के बाद चाहिए कि छठ पूजन समिति इस परिसर की साफ-सफाई करा दे लेकिन कार्यक्रम संपन्न होने के बाद कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। लोगों ने प्रशासन का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराते हुए कूड़ा-कचरा हटवाने की मांग की है।


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