तीन निजी आइटीआइ की बैंक गारंटी मिली फर्जी
जिले में संचालित हो रहे निजी आइटीआइ (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मान्यता लेने के लिए गाजीपुर में तीन आइटीआइ द्वारा लगाई गई बैंक गारंटी फर्जी मिली है। इसमें पंडित सीताराम आइटीआइ आबादान बैरान भोलू मेमेरियल सादात और बाबू जगदीश आइटीआइ मरदह शामिल हैं।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : जिले में संचालित हो रहे निजी आइटीआइ (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मान्यता लेने के लिए गाजीपुर में तीन आइटीआइ द्वारा लगाई गई बैंक गारंटी फर्जी मिली है। इसमें पंडित सीताराम आइटीआइ आबादान बैरान, भोलू मेमेरियल सादात और बाबू जगदीश आइटीआइ मरदह शामिल हैं। जांच के बाद फर्जीवाड़ा सामने आने पर अब उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। इससे संबंधितों में खलबली मची हुई है।
गाजीपुर में फिलहाल दो राजकीय और 184 निजी आइटीआइ संचालित होती हैं। इसकी मान्यता लेने को प्रत्येक यूनिट के लिए अन्य कागजातों के साथ 50 हजार रुपये की बैंक गारंटी भी देनी पड़ती है। अगर किसी को 10 यूनिट की मान्यता लेनी है तो उसे पांच लाख रुपये का बैंक एफडी गारंटी के रूप में जमा करनी पड़ेगी। पूरी फाइल तैयार कर प्रशिक्षण व सेवायोजन निदेशालय लखनऊ में जमा की जाती है। फिर वहां से टीम भेजकर संबंधित कालेजों का सत्यापन कराया जाता है। सही पाए जाने और मानक पूरा होने पर उन्हें मान्यता दी जाती है।
फर्जी बैंक गारंटी पर मान्यता देने में संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। इसका पता लगाने के लिए विजिलेंस जांच की भी तैयारी की जा रही है। ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा
: बैंक गारंटी के रूप में जमा की जाने वाली मोटी रकम से बचने के लिए आइटीआइ संचालकों ने तरकीब निकाली। उन्होंने बैंक में पैसा न जमा कर कंप्यूटर से बैंक की फर्जी एफडी बनवा ली और उसे मान्यता की फाइल में लगा दी। फर्जीवाडे़ की बू आने पर निदेशालय ने आइटीआइ की सूची बनाकर जिला मुख्यालय जांच के लिए भेज दी। जांच अधिकारी जब जांच करने संबंधित बैंक शाखा में पहुंचे तो हतप्रभ रह गए। उनके एफडी फर्जी मिले। बैंक प्रबंधकों ने भी अपनी शाखा के नाम से आइटीआइ द्वारा लगाई गई एफडी को फर्जी करार दिया। पहले भी चला फर्जीवाड़ा का खेल
: निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा फर्जी बैंक गारंटी लगाकर मान्यता लेने का मामला कोई नया नहीं है। यह कई वर्षों से चला आ रहा है। इस संबंध में दैनिक जागरण ने पिछले 27 दिसंबर 2020 को प्रथम पेज पर गाजीपुर में '100 और जौनपुर में 21 आइटीआइ की बैंक गारंटी फर्जी' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद विभाग में खलबली मची थी। इसके बाद शासन स्तर से कार्रवाई करते हुए अधिकांश आइटीआइ की मान्यता आवेदन निरस्त कर दिए गए थे। इसके बाद भी कुछ आइटीआइ येनकेन-प्रकरेण मान्यता लेने में सफल हो गए।
------------------------ शासन से कराई गई जांच में जिले की तीन आइटीआइ की बैंक गारंटी फर्जी मिली है। शासन के निर्देश पर उनके विरुद्ध आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- संजय कुमार आर्य, प्रधानाचार्य-राजकीय आइटीआइ, गाजीपुर।