जैसी होगी ²ष्टि, वैसी ही नजर आएगी सृष्टि
बहरियाबाद (गाजीपुर): स्थानीय संत निरंकारी सत्संग भवन पर रविवार को साप्ताहिक सत्संग में संत योगराज ने कहा कि एक सी हो मन: स्थिति, चाहे जो हो परिस्थिति। जीवन में सफलता व असफलता मन की अवस्था पर निर्भर करती है। मन को ही समझाना है। अगर मन को गुरु के हवाले कर देते हैं तो जीवन की सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है।
जासं, बहरियाबाद (गाजीपुर) : स्थानीय संत निरंकारी सत्संग भवन पर रविवार को साप्ताहिक सत्संग में संत योगराज ने कहा कि एक सी हो मन: स्थिति, चाहे जो हो परिस्थिति। जीवन में सफलता व असफलता मन की अवस्था पर निर्भर करती है। मन को ही समझाना है। अगर मन को गुरु के हवाले कर देते हैं तो जीवन की सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है। कहा कि जैसी हमारी ²ष्टि होगी वैसी ही हमें सृष्टि नजर आएगी। नर पूजा ही नारायण पूजा है। इसके पूर्व सत्संग का शुभारंभ संपूर्ण अवतार वाणी एवं संपूर्ण हरदेव वाणी के काव्य पाठ से हुआ। इस मौके पर ब्रांच प्रमुख अमित सहाय, सुदर्शन ¨सह, डा. बाबूलाल, डा. केके ¨सह, मूलचंद, गामा कन्नौजिया, डा. प्रेम सहाय आदि थे। संचालन घूरन प्रसाद ने किया।