एएनएम सेंटर बना उपला भंडारण केंद्र, पशुओं का चरागाह
जासं गाजीपुर स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की लापरवाही के चलते लाखों रुपये से गौरा गांव में बना एएनएम सेंटर इन दिनों उपला भंडारण केंद्र व पशुओं का चारागाह बन चुका है।
जासं, गाजीपुर : स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की लापरवाही के चलते लाखों रुपये से गौरा गांव में बना एएनएम सेंटर इन दिनों जैसे उपला भंडारण केंद्र व पशुओं का चारागाह बन चुका है। साथ ही उपकेंद्र तक पहुंचने वाले रास्तों पर भी दबंगों का पूरी तरह से कब्जा हो चुका है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को चिकित्सकीय सुविधा से जहां वंचित होना पड़ रहा है वहीं इलाज के लिए तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खासकर गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं का टीकाकरण करने के लिए लंबी दूरी तय कर जिला व महिला अस्पताल का रूख करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि विभाग के उच्चाधिकारी सबकुछ जानते हुए चुप्पी साधे हुए हैं।
करीब 31 वर्ष पूर्व इस उपकेंद्र की स्थापना कराई गई थी। चार-पांच वर्षों तक तो यहां चिकित्सकीय सुविधा ग्रामीणों को मिलती रही लेकिन समय के साथ ही यह बदहाल होता चला गया। ग्रामीणों की शिकायत पर बीते वर्ष सीएमओ डा. जीसी मौर्या ने निरीक्षण करने के साथ मरम्मत कराकर संचालित कराने का आश्वासन दिया था। बावजूद इसके आज तक न तो इसकी मरम्मत कराई गई और न ही उपचार की व्यवस्था शुरू हो पाई। जबकि एएनएम सेंटर पर आसपास के करीब पांच गांव के लोग इलाज के लिए इस पर आधारित हैं। खासकर गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा व शिशुओं को टीकाकरण के लिए 20 किलोमीटर स्थित जिला मुख्यालय पर अपने निजी वाहनों से आना पड़ता है। वहीं यहां तैनात एएनएम व ग्राम प्रधान के संयुक्त खाते में चिकित्सकीय सुविधाओं से जुड़े कार्य के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से धनराशि भी भेजी जाती है लेकिन स्थित जस की तस बनी हुई है।