आखिर कूड़ा-कचरा जलाने पर प्रशासन क्यों नहीं सख्त
जागरण संवाददाता मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) शासन के कड़े तेवर को देखते हुए पराली जलाने को लेकर प्रशासनिक अधिकारी सख्त हैं। वहीं इलाके में जगह-जगह डंप कूड़ों में आग लगाकर प्रदूषण फैलाने वालों को लेकर पूरी तरह से उदासीन हैं। कूड़ों से निकल रहे धुंआ से अगल-बगल के लोग परेशान हैं। सड़क से गुजरने वाले लोगों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी होने के बावजूद अधिकारी अनजान बने हैं।
जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : शासन के कड़े तेवर को देखते हुए पराली जलाने को लेकर जहां प्रशासनिक अधिकारी सख्त हैं वहीं इलाके में जगह-जगह डंप कूड़ों में आग लगाकर प्रदूषण फैलाने वालों को लेकर पूरी तरह से उदासीनता समझ से परे है। कूड़ों से निकल रहे धुंआ से अगल-बगल के लोग परेशान हैं। सड़क से गुजरने वाले लोगों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी होने के बावजूद अधिकारी अनजान बने हैं।
नगरपालिका की ओर से नगर के निकले कूड़ा-कचरा को एनएच-31 किनारे सड़क की पटरी व निजी काश्तकारों के जमीनों पर ले जाकर डंप कर दिया जाता है। उक्त कूड़े को निस्तारित करने के नाम पर आग लगा दी जाती है। इस समय नगर के डाकबंगला मोड़, शाहनिन्दा हनुमान मंदिर के आगे, इनायत पट्टी मोहल्ला के पास कूड़ों में काफी दिनों से आग लगाकर छोड़ दिया गया है। इसके चलते इस रास्ते से आवागमन करने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। हालत यह है कि रास्ते से गुजरने में लोगों का दम घुटने की स्थिति पैदा हो जाती है। कूड़ा में फैले आग को बुझाने के लिए लोग नगर पालिका व उपजिलाधिकारी से कई बार गुहार लगाए। दैनिक जागरण में बीते 19 नवंबर को समाचार प्रकाशित होने के बाद आनन फानन में आग को बुझा दिया गया। उसके बाद ध्यान न दिए जाने से दोबारा उस कूड़े में आग लगा दी गई है। इसको लेकर लोगों को कहना है कि पराली जलाने को लेकर प्रशासन सक्रिय है लेकिन कूड़ा कचरा में जल रहे पालीथिन से होने वाले नुकसान को लेकर आखिर अधिकारी मौन क्यों हैं। अगर इसको लेकर अधिकारी सक्रिय नहीं हुए तो लोग उक्त जगह पर एकत्रित होकर आंदोलन को बाध्य होंगे।