ममता शर्मसार, उपले के ढेर पर मिला नवजात
मासूम को गोद में उठाकर ले आई। उपले के ढेर में नवजात के मिलने की जानकारी होते ही सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। कुछ देर बाद जानकारी होने पर देवरिया चौकी प्रभारी विजयकांत द्विवेदी पहुंचे ग्रामीणों से पूछताछ की। पूछताछ में कोई नवजात के बाबत कुछ नहीं बता पाए। कुछ लोग नवजात को गोद लेने की बात कहे लेकिन चौकी प्रभारी ने कानून का हवाला देते हुए मना कर दिया। उन्होंने कहा कि नवजात का मेडिकल चेकअप होगा। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही उसे गोद लिया जा सकता है। इसके बाद चौकी प्रभारी ने बच्चे को मेडिकल चेकअप के लिए जिला अस्पताल भेज दिए।
जागरण संवाददाता, मलसा (गाजीपुर) : मां तो मां होती है। उसके प्यार, दुलार और ममता से हर इंसान वाकिफ है। मगर वही मां जब बेदर्द हो जाए और अपने कलेजे के टुकड़े को जन्म देते ही फेंक दे तो उसे निर्दयी कहना गलत नहीं होगा। ऐसी ही एक घटना शनिवार को सामने आई जमानिया कोतवाली क्षेत्र के देवरियां गांव में। उपले के ढेर पर एक नवजात बालक लावारिस हालत में मिला। मासूम ने कुछ देर तक दर्द सहा और जब पीड़ा असहनीय हुई तो उसके मुंह से चीख निकलने पड़ी। आसपास के लोग इकट्ठा हुए और मासूम को गोद में उठा लिया। अब वह पुलिस की अभिरक्षा में है।
जमानिया कोतवाली क्षेत्र के देवरिया गांव निवासी उमा खरवार का नाती सुबह खाना बनाने के लिए घर के बगल में रखा उपला लेने गया था। वह जैसे ही वहां पहुंचा, उसे एक नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। वह करीब गया तो उपले के ढेर पर मासूम को देख शोर-शराबा करने लगा। आवाज सुनकर उमा खरवार की पत्नी सरला देवी पहुंची और मासूम को गोद में उठाकर ले आईं। उपले के ढेर पर नवजात के मिलने की जानकारी होते ही सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। कुछ देर बाद जानकारी होने पर देवरिया चौकी प्रभारी विजयकांत द्विवेदी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से पूछताछ की लेकिन लोग नवजात की बाबत कुछ नहीं बता पाए। कुछ लोगों ने नवजात को गोद लेने की पेशकश की लेकिन चौकी प्रभारी ने कानून का हवाला देते हुए मना कर दिया। उन्होंने कहा कि नवजात का मेडिकल चेकअप होगा। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही उसे गोद दिया जा सकता है। इसके बाद चौकी प्रभारी ने बच्चे को मेडिकल चेकअप के लिए जिला अस्पताल भेज दिया।