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जिले के 60 परिषदीय विद्यालय भवन ढहने के कगार पर

जासं, गाजीपुर : जिले के पांच दर्जन परिषदीय विद्यालयों के भवन जर्जर व निष्प्रयोज हो गए हैं। इसम

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Aug 2018 09:39 PM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 09:39 PM (IST)
जिले के 60 परिषदीय विद्यालय भवन ढहने के कगार पर
जिले के 60 परिषदीय विद्यालय भवन ढहने के कगार पर

जासं, गाजीपुर : जिले के पांच दर्जन परिषदीय विद्यालयों के भवन जर्जर व निष्प्रयोज हो गए हैं। इसमें से दर्जनों विद्यालय ऐसे हैं जहां अभी तक नया भवन नहीं बन सका है। ऐसे में वहां बच्चे अभी भी उन्हीं जर्जर भवनों में पढ़ाई कर रहे हैं या भवन के बाहर उनकी पाठशाला लग रही है। इससे धूप, गर्मी व बरसात में स्कूल बंद करने की नौबत आ जाती है। बेसिक शिक्षा विभाग ने जर्जर भवनों की सूची शासन को प्रेषित कर दिया है। अब शासन के आदेश का इंतजार है। शासन से बजट मिलने के बाद भी वहां नए भवन बनाए जाएंगे। जर्जर व निष्प्रयोज भवनों की सूची में कई ऐसे विद्यालय भी शामिल हैं जो पांच वर्ष से पहले के बने हैं लेकिन घटिया तरीके से निर्माण के चलते वह समय से पहले ही खराब हो गए हैं। लटक गए ¨लटर व छत

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सादात : मुबारकपुर हरतरा स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय का दस वर्ष पूर्व बना पांच कमरों का भवन अब गिरने के कगार पर है। उस समय करीब सात लाख रुपये की लागत से बनने वाले भवन के सभी कमरे बरसात होने टपकते हैं। इसकी छत व ¨लटर भी लटक गए हैं। यहां तक कि इसके खिड़की व फर्श टूटकर खत्म हो चुके हैं। रैम्प भी टूट चूका है। इस खतरनाक स्थिति को देखते हुए कक्षाओं में बच्चों को नहीं बैठने दिया जाता है। कुल 113 की संख्या वाले इस स्कूल में बच्चे बरामदे या बाहर बैठकर पढ़ाई करते हैं। भवन की खतरनाक हालत देखते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक मो. अशफाक व गांव के प्रधान रामनारायण यादव ने चार माह पूर्व इसकी रिपोर्ट विभाग को लिखित भेजी है। बताया कि जब इस विद्यालय का निर्माण हो रहा था तभी इसके गुणवत्ता को लेकर उस समय के प्रधान प्रमेश यादव ने भी कार्य रोकवाया था। इस मामले में भवन प्रभारी घुरभारी यादव कुछ समय के लिए निलंबित भी हुए थे।

तीन वर्ष में ही हुआ जर्जर

जंगीपुर : जंगीपुर के प्राथमिक विद्यालय सआदतपुर में विद्यालय 2010 में बना तीन वर्ष के बाद ही जर्जर हो गया। विद्यालय में 70 से ऊपर बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालय जर्जर हालत में होने से मात्र दो कमरे में ही पढ़ाई होती है विभाग को कई बार सूचना देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई।

कासिमाबाद : कासिमाबाद शिक्षा क्षेत्र में स्थित कुतुबपुर गांव का प्राथमिक विद्यालय का भवन काफी जर्जर हो चुका है। जिसके कारण बच्चों को बाहर या दूसरे कमरे में बैठकर पढ़ना पड़ता है। बरसात में स्कूल भवन से पानी चूने लगता है। स्कूल भवन से खिड़की, दरवाजे गायब होने से वह आवारा पशुओं का अड्डा बना हुआ है। हद तो यह है कि आज तक विद्यालय पहुंचने के लिए रास्ता ही नहीं बना है। विद्यालय के रास्ते की जमीन पर दबंगों का कब्जा है। टपकता है बरसात का पानी

रेवतीपुर : साधोपुर उर्फ रामपुर प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो गया है। इस विद्यालय के कमरों में बरसात का पानी टपकता है जिससे बच्चों की पढ़ाई भी बाधित होती है। प्रधानाध्यापक त्रिभुवन राम ने बताया कि इसके लिए हमने कई बार विभाग मे पत्र लिखा लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।

मुहम्मदाबाद : शिक्षा क्षेत्र मुहम्मदाबाद के नगर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय डोमनपुरा, बाराचवर के पातेपुर लटठूडीह पखनपुरा निहालपुर आदि प्राथमिक विद्यालयों मे पुराना जर्जर भवन टूट टूटकर गिर रहा है जो कभी भी हादसे का कारण बन सकता है पुराने जर्जर भवन के पास नया भवन का निर्माण तो करवा दिया गया लेकिन पुराने जर्जर भवन को धराशायी नहीं कराया गया जो हादसे को दावत दे रहा है। शासन को भेजी गई है सूची

- जिले के जर्जर विद्यालयों की सूची में पांच दर्जन भवन शामिल हैं। इसकी सूची शासन को भेजी गई है। वहां से आदेश मिलते ही पुराने भवन को गिराकर नए भवन बनाए जाएंगे।

- श्रवण कुमार, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी।


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