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चुनौतियों से मुकाबले को सरजू पांडे प्रेरणादायक

गाजीपुर: स्वाधीनता संग्राम सेनानी व पूर्व सांसद सरजू पांडे की 28 वीं पुण्यतिथि गुरुवार को मनाई गई। स

By Edited By: Published: Fri, 26 Aug 2016 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 26 Aug 2016 01:00 AM (IST)
चुनौतियों से मुकाबले को सरजू पांडे प्रेरणादायक

गाजीपुर: स्वाधीनता संग्राम सेनानी व पूर्व सांसद सरजू पांडे की 28 वीं पुण्यतिथि गुरुवार को मनाई गई। सरजू पांडे पार्क में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि पांडेय जी का व्यक्तित्व बहुआयामी एवं दल की सीमाओं से उपर था। अंग्रेजी दास्तां को चुनौती देते हुए हजारों साथियों के साथ कासिमाबाद थाने को फूंकने के बाद राष्ट्रीय झंडा फहरा दिया। दमन के साथ कठिन जेल यातना भोगी। जेल में रहने के दौरान ही वे कम्युनिस्ट बन गए। क्योंकि यही रास्ता शोषित पीड़ित जनता को मुक्ति प्रदान कर सकता था। आजादी के बाद जमींदारी उन्मूलन के लिए संघर्ष किया। जनता के एकछत्र नेता बने और संसद तथा विधानसभा का चुनाव एक साथ जीता।

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वक्ताओं ने कहा कि एक बाद देश सेवा का व्रत लेने के बाद उन्होंने दोबारा आजीवन अपने घर की तरफ मुंह नहीं किए। उनका क्रांतिकारी और बेदाग चरित्र युवाओं को आकर्षित करता था। वह किसी की मदद करने को तत्पर रहते थे। आज देश के सामने खड़ी चुनौतियां एवं राजनैतिक विचलन का मुकाबला करने के लिए उनसे प्रेरणा ग्रहण करना प्रासंगिक है।

श्रद्धांजलि सभा को भाकपा के जिला सचिव अमेरिका ¨सह यादव, माले केंद्रीय कमेटी के सदस्य ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, योगेंद्र भारती, डा. इकबाल अंसारी, जितेंद्र नाथ घोष, रामअवध, राजेंद्र राम, डा. रामबदन ¨सह, डा. केएन ¨सह, पूर्व विधायक राजेंद्र यादव, जयराम ¨सह, राम परीखा, रमेश चंद्र पाल, कृपा शंकर ¨सह, रमाशंकर ¨सह, राजकुमार पांडे, राजदेव, अशोक मिश्र, सुरेंद्र राम, शमीम अहमद, राम शुक्ला, राम अवतार राम, अबू नसर खां आदि ने संबोधित किया था। अध्यक्षता रामलाल पांडे तथा संचालन जनार्दन राम ने किया।

किसान सभा ने दिया धरना

गाजीपुर: श्रद्धांजलि सभा में ही किसान सभा की ओर से धरना दिया गया। इसमें नंदगंज चीनी मिल चालू करने के सरकार के आश्वासन पर एक सितंबर को रैली कर आंदोलन स्थगित रखने का निर्णय लिया गया। लेकिन इस बीच संतोषजनक परिणाम न आने पर एक अक्टूबर से आंदोलन शुरु कर दिया जाएगा। धरने में कठवामोड़ पुल, बौरीपुल के क्षतिग्रस्त होने का मामला भी उठाया गया। बाढ़ राहत कार्य को चींटी का चाल चलने पर संघर्ष को विकल्प बताया गया। समस्याओं के समाधान के लिए आर पार की लड़ाई का संकल्प लिया गया। अध्यक्षता कृपाशंकर ¨सह तथा संचालन अखिलेश राय ने किया।


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