वर्षा के पानी में बह गए नाले की सफाई में खर्च हुए 25 करोड़
हसीन शाह साहिबाबाद नगर निगम ने 25 करोड़ रुपये में निजी कंपनी से बृज विहार के नाले की
हसीन शाह, साहिबाबाद : नगर निगम ने 25 करोड़ रुपये में निजी कंपनी से बृज विहार के नाले की सफाई कराई है। इतनी रकम खर्च करने के बाद भी लोगों को जलभराव की समस्या से मुक्ति नहीं मिली। मानसून की पहली वर्षा में नाले का पानी लोगों के घरों में घुस गया। ऐसे में पूरे मानसून में लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ सकता है। स्थानीय लोग कंपनी के काम पर सवाल उठा रहे हैं।
यह नाला तुलसी निकेतन से होकर यूपी गेट तक जाता और दिल्ली में यमुना में भी गिरता है। इस नाले में शहीदनगर, पाइप मार्केट, जनकपुरी, शालीमार गार्डन, तुलसी निकेतन, ट्रांसपोर्ट नगर, बृज विहार, रामपुरी, डेल्टा कालोनी, साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र, कौशांबी, वैशाली का पानी आता है। हर साल नाले का पानी मानसून में ओवरफ्लो होकर सड़क पर आ जाता है। वर्षा के बाद एक सप्ताह बाद भी जलभराव की स्थिति बनी रहती है। लोग लंबे समय से नाले की सफाई की मांग कर रहे थे। निगम ने निजी कंपनी एग्रोटेक को 25 करोड़ रुपये में सफाई का ठेका दिया था। कंपनी ने 26 दिसंबर 2021 से सफाई का काम शुरू किया। कंपनी ने नाले की सफाई का काम पूरा कर दिया है। नाले के उफान को रोकने के लिए कई जगह से नाले की दीवार ऊंची की गई है। लोगों को उम्मीद थी कि इस बार मानसून में जलभराव नहीं होगा। बृहस्पतिवार को मानसून की पहली वर्षा हुई तो पिछले साल की तरह नाला ओवरफ्लो हो गया। लोगों ने आरोप लगाया कि नाले की सफाई ठीक से नहीं हुई है। आरोप है कि निगम के अधिकारी सफाई के दौरान निगरानी नहीं कर सके। जिस वजह से सफाई के नाम पर खानापूरी की गई है। एग्रोटेक के प्रोजेक्ट मैनेजर का कहना है कि नाले का पानी बैक मार गया था। हमने दो-तीन टीमों को इसे ठीक करने के लिए लगाया हुआ है। यह 12 किलोमीटर लंबा नाला है।
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नाले को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कई चरणों में काम किया जाना है। नाला साफ हो चुका है लेकिन अगले चरण का काम चल रहा है। दूषित पानी नाले में डालने वाली फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की जा रही है। महेंद्र सिंह तंवर, नगर आयुक्त