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तुलसी निकेतन के आवंटी ईडब्ल्यूएस को एलआइजी फ्लैट से कर सकेंगे अपग्रेड

तुलसी निकेतन के आवंटी ईडब्ल्यूएस को एलआईजी फ्लैट से कर सकेंगे अपग्रेड। जीडीए इस पर विचार कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 09:11 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 09:11 PM (IST)
तुलसी निकेतन के आवंटी ईडब्ल्यूएस को एलआइजी फ्लैट से कर सकेंगे अपग्रेड
तुलसी निकेतन के आवंटी ईडब्ल्यूएस को एलआइजी फ्लैट से कर सकेंगे अपग्रेड

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : तुलसी निकेतन के आवंटियों को ईडब्ल्यूएस से एलआइजी फ्लैट अपग्रेड करने का विकल्प दिया जाएगा। जितने आवंटी तैयार होंगे, उसी अनुसार ईडब्ल्यूएस और एलआइजी फ्लैट के पुनर्निर्माण की योजना बनाई जाएगी। जीडीए अधिकारियों का मानना है कि 28 सालों में कई आवंटियों की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई होगी और परिवार बड़ा हुआ होगा। ऐसे में उन्हें बड़े फ्लैट की आवश्यकता होगी।

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तुलसी निकेतन में 2004 ईडब्ल्यूएस और 288 एलआइजी फ्लैट हैं। आवंटी जीडीए द्वारा दिए जा रहे अवसर का लाभ उठाते हैं तो पुनर्निर्माण में ईडब्ल्यूएस की संख्या घटा दी जाएगी। एलआइजी फ्लैट बढ़ा दिए जाएंगे। अतिरिक्त कीमत का भुगतान आवंटी को करना होगा। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि फ्लैट बनाते वक्त नई तकनीक मायवन शट¨रग का प्रयोग किया जाएगा। कंक्रीट की दीवारें बनाई जाएंगी। जिससे फ्लैट के रखरखाव पर ज्यादा खर्च न आए। उन्होंने बताया कि इससे पहले लोगों को पुनर्निर्माण के लिए राजी करना है। कोशिश की जा रही है कि तुलसी निकेतन के प्रत्येक ब्लॉक से एक आवंटी को साथ लेकर इस काम को किया जाए। यहां 300 ब्लॉक हैं। साथ ही यह सर्वे किया जाएगा कि किस तरह के कितने आवंटी हैं। कितनों के पास पॉवर ऑफ अटॉर्नी है और कितने मूल आवंटी हैं।

आधी जमीन बिल्डरों को बेचेंगे

तुलसी निकेतन का क्षेत्रफल सात हेक्टेयर है। जीडीए वीसी ने बताया कि आधी भूमि पर आवंटियों के लिए फ्लैटों का पुनर्निर्माण किया जाएगा। बाकी 3.5 हेक्टेयर जमीन बिल्डरों को ग्रुप हाउ¨सग बसाने के लिए बेची जाएगी। उन्होंने बताया कि पुनर्निर्माण पर सौ करोड़ रुपये की लागत आने का आकलन किया गया है। जमीन बेच कर लागत की वसूली की जाएगी। प्रयास किया जाएगा कि कुछ हिस्से में पीएम आवास योजना के तहत मकान बनाए जाएं। जो उन लोगों को आवंटित किए जाएंगे, जो इस आवासीय योजना में किराए पर रह रहे हैं। बोर्ड को बताना होगा समय से 31 साल पहले क्यों जर्जर हुए फ्लैट

वर्ष 1990 में तुलसी निकेतन में दो तरह के फ्लैट बनाए गए थे। उस वक्त इनकी आयु 60 वर्ष होने का दावा किया गया था। निर्धारित आयु से 31 साल पहले फ्लैट जर्जर हो गए। दो बार छत गिरने के हादसों मे लोग घायल हो गए। ऐसा क्यों हुआ? जीडीए अधिकारियों को बोर्ड के समक्ष इस प्रश्न का उत्तर बताना होगा। आगामी बोर्ड बैठक में सवाल का जवाब बताने के लिए अधिकारी तैयारी कर रहे हैं। वह बता रहे हैं कि आवंटियों द्वारा रखरखाव न किए जाने से यह स्थिति बनी। रखरखाव होता तो फ्लैट पूरी आयु तक चलते। जीडीए लोगों की जान की सुरक्षा के लिए पुनर्निर्माण कराना चाहता है।


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