कौशांबी के लिए यातायात प्लान तैयार, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल
जागरण संवाददाता साहिबाबाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई विभागों ने मिलकर कौशांबी में
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद :
दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई विभागों ने मिलकर कौशांबी में ध्वनि, वायु, जल प्रदूषण की रोकथाम और यातायात प्रबंधन के लिए तैयार प्लान सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है। प्लान को लागू करने में करीब 106 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। वहीं, याचिकाकर्ता कौशांबी अपार्टमेंट्स रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (कारवा) के अध्यक्ष वीके मित्तल ने कई आपत्तियां जताई हैं, जो बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में रखेंगे।
वीके मित्तल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली व उत्तर प्रदेश के 14 अधिकारियों की एक कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी ने कौशांबी में ध्वनि, वायु, जल प्रदूषण की रोकथाम व यातायात प्रबंधन के लिए पूरा प्लान तैयार किया है, जिसे टीम के नोडल अधिकारी जिलाधिकारी गाजियाबाद ने सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दिया है। वहीं, वीके मित्तल ने रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जो प्लान तैयार किया गया है, उसके लिए 106 करोड़ रुपये कहां से आएंगे? यह प्लान कब तक पूरा होगा, रिपोर्ट में नहीं बताया गया है। कौशांबी की आंतरिक सड़कों से ट्रैफिक को कम करने के लिए प्लान में कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि वह बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे।
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कमेटी की ओर से तैयार प्लान की प्रमुख बातें :
- डाबर तिराहे से आनंद विहार जाने वाली रोड पर चौराहे को बंद कर दो यू-टर्न बनाए जाएंगे।
- पैसिफिक माल के सामने खड़े होने वाले आटो के लिए कौशांबी बस डिपो के नीचे अंडरग्राउंड स्टैंड बनेगा।
- आटो व ई-रिक्शा को आनंद विहार बार्डर के पास खाली जगह पर खड़ा किया जाएगा।
- कौशांबी व आनंद विहार से चलने वाले आटो व ई-रिक्शा की संख्या निर्धारित कर कलर कोड दिया जाएगा।
- डाबर तिराहे से कौशांबी डिपो की ओर कोई बस नहीं जाएगी। बसें लिंक रोड से सौर ऊर्जा मार्ग होते हुए डिपो में पहुंचेगी।
- आनंद विहार बस अड्डे के प्रवेश को कंप्यूटराइज्ड किया जाए जिससे बसों की कतार न लगे।