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शौचालय बना दिए मगर नहीं की जियो टैगिग

स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिले में बन रहे शौचालय में कुछ विकासखंडों से जिओ टैगिग न होने की शिकायत पंचायत राज विभाग में आई है। जिसके बाद जिला पंचायत राज विभाग ने विकास खंडों के सहायक विकास अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर इनकी जियो टैगिग कराने के निर्देश दिए गए हैं। शौचालयों की जिओ टैगिग की रिपोर्ट की मानीटरिग शासन स्तर पर होती है ताकि जब चाहें उनका स्थलीय निरीक्षण किया जा सके।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 05:34 PM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 05:34 PM (IST)
शौचालय बना दिए मगर नहीं की जियो टैगिग

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिले में बन रहे शौचालय में कुछ विकास खंडों से जिओ टैगिग न होने की शिकायत पंचायत राज विभाग में आई है। इसके बाद जिला पंचायत राज विभाग ने विकास खंडों के सहायक विकास अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर इनकी जियो टैगिग कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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शौचालयों की जिओ टैगिग की रिपोर्ट की निगरानी शासन स्तर पर होती है ताकि जब चाहें उनका स्थलीय निरीक्षण किया जा सके। स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय बनाने पर सरकार की ओर से अनुदान मिलता है। इसमें लाभार्थी को 12 हजार रुपये मिलते हैं। काम में पारदर्शिता लाने के लिए शासन से निर्देश हैं कि शौचालय बनवाने के बाद ग्राम पंचायत स्तर पर उनकी जियो टैगिग करवानी होती है। मगर इस वक्त रजापुर, भोजपुर, लोनी व मुरादनगर विकास खंडों से कुछ ग्राम पंचायतों से जियो टैगिग नहीं की गई है। करीब 50 के लगभग ऐसे शौचालय हैं, जिनकी जियो टैगिग नहीं हुई है। जिला पंचायत राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि सभी सहायक विकास अधिकारियों को एक सप्ताह का समय दिया गया है। एक सप्ताह के अंदर जियो टैगिग कराकर रिपोर्ट देनी है। वरना उन पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी।

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