सोसायटी में तीन दिन, तो घरों में सात दिन बिराजेंगे बप्पा
सोसायटी में तीन दिन, तो घरों में सात दिन बिराजेंगे बप्पासोसायटी में तीन दिन, तो घरों में सात दिन बिराजेंगे बप्पासोसायटी में तीन दिन, तो घरों में सात दिन बिराजेंगे बप्पासोसायटी में तीन दिन, तो घरों में सात दिन बिराजेंगे बप्पासोसायटी में तीन दिन, तो घरों में सात दिन बिराजेंगे बप्पा
जागरण संवाददाता, इंदिरापुरम :
ट्रांस ¨हडन में 13 से भगवान गणपति दरबार में बिराजेंगे। सोसायटियों में जहां तीन दिन तक बप्पा का दरबार सजेगा तो वहीं महराष्ट्र के परिवारों में सात दिनों तक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना होगी। इसके साथ ही गणेश पूजन के दौरान स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत का संदेश भी दिया जाएगा। बढ़ते जल प्रदूषण को कम करने के लिए इस बार भी गणेश भक्त बाल्टी में ही विसर्जन करेंगे। साथ ही बचे हुए पानी को औषधीय गमलों में डाला जाएगा।
-----
अर्थला में बनेगा विसर्जन कुंड :
जिला प्रशासन की ओर से हरनंदी और गंग नगर में विसर्जन को लेकर सख्ती रहेगी। इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था यह रहेगी कि अर्थला झील के पास बने विसर्जन स्थल को साफ किया जाएगा। उसमें जमा जलकुंभी को हटाने के साथ ही आने जाने के मार्ग को भी ठीक किया जाएगा। इसके साथ ही लाउड स्पीकर और रात के वक्त के लिए लाइ¨टग की भी व्यवस्था की होगी।
-----
विसर्जन पर पर्यावरण का ध्यान :
गणेश पूजन के दौरान भक्तों की ओर से पर्यावरण संरक्षण का भी काम किया जाएगा। घरों में जो मूर्तियां सजाई जाएंगी वह मिट्टी की बनी होगी तो पानी में आसानी से घुल जाएगी। इससे पूर्व प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां बनाई जाती थीं। वहीं, जो भी पूजन सामग्री बचेगी उसे गड्ढे में दबाया जाएगा।
----
मैं अपने घर पर सात दिनों तक बप्पा को रखूंगी, इस दौरान मिट्टी की मूर्ति की स्थापना होगी और उनको बाल्टी में ही विसर्जित किया जाएगा। ऐसा कर हम पर्यावरण को भी सुधारने में सहयोग देंगे। -पूर्णा भोंसले,
---
मैं शिप्रा सनसिटी में सालों से पूजा करती आई हूं, इस बार भी मिट्टी के ही गणेश को सजाऊंगी ताकि पर्यावरण पर कोई असर नहीं पड़े। हम फूल व पूजन सामग्री को गमलों में डालते हैं। -सविता,