संपत्तियों को फ्री होल्ड करने पर लगेगी रोक
अवैध निर्माण रोकने के लिए जीडीए ने संपत्तियों को फ्री-होल्ड करने पर रोक लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसका प्रस्ताव बना लिया गया है। बोर्ड सदस्यों की सहमति लेकर इसे शासन को भेज दिया जाएगा। जीडीए अधिकारियों ने बताया कि रोक लगाने पर फैसला शासन ही ले सकता है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : अवैध निर्माण रोकने के लिए जीडीए ने संपत्तियों को फ्री-होल्ड करने पर रोक लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसका प्रस्ताव बना लिया गया है। बोर्ड सदस्यों की सहमति लेकर इसे शासन को भेज दिया जाएगा। जीडीए अधिकारियों ने बताया कि रोक लगाने पर फैसला शासन ही ले सकता है।
वर्ष 1995 में लीज की जमीन और एकल यूनिट मकानों को फ्री-होल्ड करने का शासनादेश आया था। उसमें भूखंड और मकान की मूल कीमत का 12 प्रतिशत फ्री-होल्ड शुल्क लेने का प्रावधान किया गया था। उसमें यह भी स्पष्ट किया गया था कि जो भूखंड और मकान रियायती दरों पर दिए गए हैं, उनको फ्री-होल्ड नहीं किया जा सकता। इस शासनादेश के आधार पर जीडीए ने 1.40 लाख संपत्तियों में से 60 फीसद को फ्री-होल्ड कर दिया। देखने में आया लीज संपत्ति पर अवैध निर्माण नहीं हुआ, जबकि फ्री-होल्ड संपत्तियों पर नक्शे से हटकर निर्माण कर लिया गया। जीडीए के संपत्ति अनुभाग के अधिकारियों ने वीसी कंचन वर्मा को सुझाव दिया कि संपत्तियों को फ्री-होल्ड करने पर रोक लगा दी जाए तो अवैध निर्माण होने से रोके जा सकते हैं। उनकी सहमति मिलने पर जीडीए के संपत्ति अनुभाग ने फ्री-होल्ड पर रोक लगाने का प्रस्ताव किया है। सूत्रों की मानें तो प्रस्ताव तैयार करने के साथ अनौपचारिक तौर पर संपत्ति फ्री-होल्ड करने के आवेदनों को होल्ड कर दिया गया है। उन फाइलों पर कार्रवाई नहीं की जा रही। छोटे बदलावों के लिए भी लेनी होती है अनुमति
लीज संपत्ति पर बड़े-छोटे सभी बदलावों के लिए जीडीए की अनुमति लेनी होती है। उस संपत्ति को गिरवी रखने से पहले भी जीडीए से अनुमति लेनी होगी। जबकि, फ्री-होल्ड होने पर इसकी जरूरत नहीं होती। अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव कदम उठाने को जीडीए तैयार है। इस वजह से संपत्तियों को फ्री-होल्ड न करने का प्रस्ताव बनाया गया है।
- संतोष कुमार राय, सचिव, जीडीए