अधूरी रह गई मृतकों की एक साथ जलने की इच्छा
इंदिरापुरम के वैभव खंड स्थित कृष्णा अपरा सफायर सोसायटी में पांच लोगों की मौत के मामले में बुधवार दोपहर हिडन घाट पर गुलशन वासुदेवा उनकी पत्नी परवीना बेटी कृतिका (किट्टू) के शवों एक साथ अंतिम संस्कार किया जा सका। मृतकों की एक साथ जलाए जाने की इच्छा अधूरी रह गई। दूसरी पत्नी संजना (गुलशन) का शव उनके स्वजन मुस्लिम रीत रिवाज से सुपुर्द-ए-खाक करने के लिए दिल्ली ले गए। सुसाइड नोट में मृतकों ने एक साथ पांचों शवों को जलाने की इच्छा जाहिर की थी। शव ले जाने के दौरान दोनों पक्षों में मामूली कहासुनी भी हो गई।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद :
इंदिरापुरम के वैभव खंड स्थित एक बहुमंजिला सोसायटी में पांच लोगों की मौत के मामले में बुधवार दोपहर हिडन घाट पर गुलशन वासुदेवा, उनकी पत्नी परमीना, बेटी कृतिका और बेटे रितिक के शवों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। दूसरी पत्नी संजना उर्फ गुलशन को उसके स्वजन दिल्ली सुपुर्द ए खाक करने ले गए। मृतकों की एक साथ जलाए जाने की अंतिम इच्छा अधूरी रह गई। सुसाइड नोट में मृतकों ने एक साथ पांचों शवों को जलाने की इच्छा जाहिर की थी। शव ले जाने के दौरान दोनों पक्षों में मामूली कहासुनी भी हुई।
गाजियाबाद स्थित पोस्टमार्टम हाउस पर बुधवार सुबह से ही गुलशन वासुदेवा के स्वजन और उनके जानने वालों का जमावड़ा लगा रहा। दोपहर संजना उर्फ गुलशन की मां व अन्य रिश्तेदार पहुंच गए। उन्होंने शव को दिल्ली के रामपुरा स्थित अपने आवास पर ले जाने की बात कही। हालांकि पोस्टमार्टम के बाद पांचों शवों को सीधा हरनंदी नदी के किनारे श्मशान में ले जाया गया। वहां पर गुलशन वासुदेवा के स्वजन संजना का शव ले जाने का विरोध करने लगे। इस पर मामूली कहासुनी भी हो गई। वहां मौजूद लोगों ने दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत कराया।
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एक साथ जलाए जाने की थी तमन्ना :
फ्लैट की दीवार पर सुसाइड नोट मिला था, जिसमें लिखा था कि ये हमारे क्रियाकर्म के पैसे हैं। हमारी पांचों की आखिरी तमन्ना है कि हमारी लाशों को एक साथ जलाएं। दीवार पर चस्पा पांच-पांच सौ व सौ के नोटों में 10 हजार रुपये थे। संजना ने गुलशन व उनकी पहली पत्नी परमीना के साथ आत्महत्या की थी। लोग मृतकों की आखिरी तमन्ना पूरी करना चाहते थे, लेकिन संजना के स्वजन उसका शव दिल्ली लेकर चले गए।
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बड़े भाई ने दी मुखाग्नि :
हिडन घाट पर बुधवार दोपहर एक ही परिवार के चार लोगों की चिता सजाई गई। गुलशन के बड़े भाई केवल कृष्ण वासुदेवा उर्फ विपिन ने सबसे पहले परमीना की चिता को मुखाग्नि दी। इसके बाद बेटे रितिक, बेटी कृतिका और फिर गुलशन वासुदेवा की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान गुलशन के रिश्तेदार, उनके साथ काम करने वाले व्यापारी व अन्य लोग मौजूद रहे।
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क्या है पूरा मामला :
इंदिरापुरम के वैभव खंड स्थित एक सोसायटी में गुलशन वासुदेवा उर्फ हरीश वासुदेवा बेटी कृतिका बेटे रितिक पत्नी परमीना वासुदेवा, दूसरी पत्नी संजना (गुलशन) के साथ रहते थे। वह दिल्ली के गांधी नगर में कपड़े का कारोबार करते थे। मंगलवार तड़के रितिक और कृतिका की हत्या कर गुलशन, परमीना और संजना ने एक साथ छलांग लगा दी। संजना ने अस्पताल में दम तोड़ा। संजना ने पुलिस को बताया कि सभी ने अपनी मर्जी से आत्महत्या की है। गुलशन के साढ़ू शालीमार गार्डन निवासी राकेश वर्मा ने दो करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। गुलशन के 60 लाख रुपये कोलकाता की एक कंपनी में डूब गए। इससे वह परेशान थे।