अगले बरस तू जल्दी आना
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जागरण संवाददाता, इंदिरापुरम : अगले बरस तू जल्दी आना के मंगल गीत के साथ शनिवार को मूर्ति विसर्जन किया गया। अर्थला विर्सजन स्थल, कालंदी कुंज और मुरादनगर जाकर बप्पा के भक्तों ने मूर्ति को विसर्जित किया। भले ही कुछ सोसायटियों और मंदिरों से बप्पा को विदा कर विसर्जित कर दिया गया हो, लेकिन अभी पांच दिन और बप्पा की जयकार होगी।
अभी घरों में होगी पूजा : महाराष्ट्रीयन सेवा समिति से जुड़े मराठी गणपति महोत्सव को पूरे दस दिन विधिविधान से मनाते हैं। शनिवार को भी बप्पा की सुबह अपराह्न, शाम और सूर्य अस्त होने के बाद आरती की गई। इस दौरान बप्पा का फूल, मिठाई और सुगंधित धूप से पूजन किया गया। इंदिरापुरम शिप्रा सनसिटी में रहने वाली आस्था ने घर में गणपति की मूर्ति की स्थापना की है और उसे चमकीली रोशनी से सजाया। आस्था ने कहा कि वह रोज बप्पा को लड्डू का भोग लगाती है। विन्दा चावरे ने बताया कि मूलरूप से महाराष्ट्र से जुड़े परिवार घरों में दस दिनों तक पूजा करते हैं और बप्पा से साल भर की, की गईं गलतियों की माफी भी मांगते हैं। वहीं, शिप्रा सनसिटी की पाम रोड निवासी सविता ने घर पर गणपति का दरबार सजाया हुआ है। इसमें परिवार के साथ उसके कुछ दोस्त भी शामिल होते हैं और पूजा करते हैं।
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वैशाली और रिवेरा से निकली यात्रा :
शनिवार को आरडब्ल्यूए फेडरेशन गाजियाबाद वसुंधरा जोन की ओर से मेट्रो सोसायटी सेक्टर-4 वैशाली में तीन दिन से चल रहे गणेश उत्सव का दोपहर बाद समापन हो गया। इस दौरान अर्थला में मूर्ति का विसर्जन किया गया। इस आयोजन में लोगों ने बैंड की धुनों पर डांस किया और आपस में रंग गुलाल भी लगाया। इस दौरान डा. दिनेश यादव, गंगा शर्मा, राकेश अरोड़ा, रेनू, सीमा यादव, वंश, गगन, अभिनव तिवारी, श्याम, प्रीति और शैली उपस्थित रहे। वहीं शिप्रा रिवेरा सोसायटी में भी बप्पा की मूर्ति विदा करने के लिए ले जाई गई। इस दौरान लोगों ने सोसायटी के बाहर मंदिर से यात्रा शुरू की जो विसर्जन स्थल पर जाकर समाप्त हुई। बड़ी संख्या में सोसायटी की महिलाएं भी शामिल हुर्इं।
एनजीटी और प्रशासन के आदेश की उड़ी धज्जियां : हरनंदी में मूर्ति विसर्जन की रोक के बावजूद भी दर्जनों लोगों ने नियम तोड़ते हुए यहां पर मूर्तियां विसर्जित की। नगर निगम और प्रशासन की ओर से यहां पर मूर्ति विसर्जित नहीं की जाए इसके इंतजाम किए गए थे लेकिन लोगों ने उस को तोड़ते हुए जमकर मूर्ति विसर्जित की। हरनंदी में मूर्ति विसर्जित करने के लिए आसपास के कुछ युवक व बच्चे भी जमा थे जो लोगों से पैसे लेकर हरनंदी में मूर्ति विसर्जित कर रहे थे। एनजीटी का स्पष्ट आदेश है कि नदी में मूर्ति विसर्जित ना की जाए।