सरकारी विभाग किस्तों में चुका सकेंगे बिजली का बकाया
सरकारी विभागों को विद्युत निगम ने बकाया जमा करने के लिए छूट दी है। अब वह सालाना जमा कराने की जगह किस्तों में जमा करा सकते है। विभाग अपने प्रशासनिक को डिमांड भेजें, ताकि बिजली बिलों का समय रहते भुगतान हो सके। बता दें कि जिले के सरकारी विभागों पर पीवीवीएनएल का तीस करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। शिक्षा विभाग से लेकर चिकित्सा, पुलिस, प्रशासन व नगर निगम करोड़ों रुपये के कर्जदार हैं। सूची में सर्वाधिक वाटर वर्क्स व स्ट्रीट लाइट पर बकाया है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : सरकारी विभागों को विद्युत निगम ने बकाया जमा करने के लिए छूट दी है। अब वह सालाना की जगह किस्तों में बकाया जमा करा सकते हैं। जिले के सरकारी विभागों पर पीवीवीएनएल का तीस करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। शिक्षा विभाग से लेकर चिकित्सा, पुलिस, प्रशासन व नगर निगम करोड़ों रुपये के कर्जदार हैं। सूची में सर्वाधिक वाटर वर्क्स व स्ट्रीट लाइट पर बकाया है।
सरकारी विभाग ही बिजली बिल की अदा करने में कंजूसी बरत रहे हैं। यूपीपीसीएल को भेजी गई विभागीय रिपोर्ट में सामने आया है कि अकेले निगम की स्ट्रीट लाइट और वाटर वर्क्स पर ही 35 करोड़ से अधिक का बकाया है। इसके अलावा सर्वाधिक बकायेदारों की सूची में प्राथमिक शिक्षा व पुलिस विभाग भी शामिल हैं। प्राथमिक शिक्षा विभाग पर करीब तीन करोड़, पुलिस विभाग पर करीब दो करोड़ का बकाया है। इसके बाद चिकित्सा विभाग, स्थानीय निकाय, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण, माध्यमिक शिक्षा, कारागार, आबकारी, जिला प्रशासन, समाज कल्याण विभाग, प्राविधिक शिक्षा, न्याय विभाग, परिवहन विभाग, प्रशासनिक सुधार, उच्च शिक्षा समेत अन्य विभागों पर उर्जा निगम का करोड़ों रुपया बकाया है। नोटिस जारी होने के बाद कुछ विभागों से अदायगी भी की गई, लेकिन अधिकांश पर जस का तस है।
पश्चिमांचल विद्युत निगम के एमडी आशुतोष निरंजन के अनुसार निगम ने सरकारी विभागों के लिए बकाया बिल अदायगी में स्कीम दी है, जिसके चलते विभाग पूरा बिल एक साथ जमा न कराकर किस्तों में जमा करा सकता है। इसके लिए विभाग अपने प्रशासनिक को डिमांड भेजकर बिल की समय से अदायगी करा सकते हैं। पहले जहां साल में एक बार जमा करने की बात होती थी, अब वह बिल आने के बाद जमा कराएं ताकि बिल में गड़बड़ी की शिकायत पर बिल पेमेंट न अटके।
कुछ विभागों से समय-समय पर बकाया बिल में कुछ राशि जमा भी की जाती है। अधिक बकाया वाले विभागों की सूची शासन को भेज दी गई है। वहीं किस्तों में बकाया जमा कराने के लिए अब विकल्प भी खुले हैं।
- आरके राणा, चीफ इंजीनियर, उर्जा निगम